फर्जी अभिलेख के सहारे 5 बीघा भूमि अपने नाम दर्ज कराया

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रायबरेली। फर्जी अभिलेखों के सहारे पत्नी व पुत्र बनकर वरासत करा क्षेत्र के मोन गांव की 5 बीघे भूमि अपने नाम दर्ज कराकर बेचने का मामला प्रकाश में आया है। मामले में मृतक के सगे भाई ने न्याय न मिलने पर न्यायालय की शरण ली। न्यायालय के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने 8 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है।

मामला कोतवाली क्षेत्र के मोन गांव का है। गांव के ही शिव शरण मिश्रा का आरोप है कि उनके भाई विश्वनाथ शरण का विवाह नहीं हुआ था और ना ही उनके कोई संतान थी।उनकी मौत के बाद कथित पत्नी व पुत्र बन कर लखीमपुर खीरी जनपद से आए कुछ लोगों ने उनकी भूमि अपने नाम करा कर विक्रय कर दी।

उनकी मृत्यु के बाद उनके नाम की भूमि सगे भाई शिवशरण के नाम अभिलेखों में वरासतन अंकित भी हुई। जिस पर वह काबिज होकर खेती-बाड़ी करते चले आ रहे हैं।

लगभग 14 वर्षों के बाद खखरा मितौली लखीमपुर खीरी निवासी सीता, विश्वनाथ शरण की कथित पत्नी, बालकृष्ण, जयकृष्ण, कथित पुत्र बन कर फर्जी परिवार रजिस्टर की नकल व मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल कर विश्वनाथ शरण के हिस्से की भूमि पर अपना बतौर सहखतेदार अंकित करा लिया। 

यही नहीं इस भूमि को 40 लाख रुपए में महराजगंज कोतवाली क्षेत्र के कुबना निवासी कीरेंद्र सिंह व उनके भाई रतेंद्र सिंह वह उनकी बहन उषा सिंह के नाम विक्रय कर दिया।

इस मामले में कुबना निवासी राजेश सिंह व अमरेश सिंह का भी हाथ बताया जा रहा है। शिवशरण का आरोप है कि उनके भाई विश्वनाथ शरण मोन ग्राम में ही जन्मे और यहीं पर इनकी मृत्यु हुई।लखीमपुर खीरी जिले के खाखरा मितौली निवासी सीता न तो उनकी पत्नी है और न ही बाल कृष्ण और जय कृष्ण उनके पुत्र हैं। उनका व उनके भाई विश्वनाथ शरण का इन लोगों से कोई वास्ता व सरोकार नहीं है।

भूमि हड़पने की नियत से ही फर्जी परिवार रजिस्टर की नकल व विश्वनाथ शरण का मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करा कर उनकी भूमि अपने नाम दर्ज करा कर विक्रय कर दी है। उन्होंने घटना की शिकायत कोतवाली पुलिस से की थी। जब पुलिस ने नहीं सुना तो उन्होंने न्यायालय की शरण ली। कोतवाल राजेश सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है विवेचना की जा रही है।

  • अशोक यादव एडवोकेट
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