बैनर, पोस्टर, पेमप्लेट एवं दीवाल लेखन से दीनदयाल शोध संस्थान कर रहा जन जागरूकता- डॉ. अभय महाजन

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चित्रकूट। पूरे विश्व में महामारी का रूप धारण कर चुकी कोरोनावायरस कोविड-19 के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए दीनदयाल शोध संस्थान जागरुकता अभियान चला रहा है।

दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा अपने सहयोगी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गांव-गांव कोरोना वायरस से बचाव और सुरक्षा के उपायों के बारे में डोर टू डोर जानकारी दी जा रही है एवं दीवाल लेखन किया जा रहा है।

कई संस्थाएं, संगठन और समाजसेवियों के द्वारा लोगों को कोरोना वायरस से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

ऐसे ही प्रयास चित्रकूट एवं मझगवां जनपद के वे गांव जहां दीनदयाल शोध संस्थान के माध्यम से स्वावलंबन की गतिविधियां संचालित की जाती है, ऐसे 108 स्वावलंबन केंद्रों की 512 ग्राम आबादियों में कोरोना महामारी से बचाव के लिए ग्राम वासियों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही चित्रकूट एवं मझगवां नगर के सार्वजनिक स्थलों जैसे बैंक, राशन की दुकानों और शासकीय उपक्रमों जहां ग्रामीणों का आवागमन जारी है, ऐसे स्थानों पर बैनर लगाकर, पोस्टर चिपकाकर एवं पेमप्लेट बांटकर लोगों को समझाइश दी जा रही है कि सावधानी और सतर्कता ही कोरोना से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है।

दीनदयाल शोध संस्थान के समाज शिल्पी दंपत्ति तथा स्वावलंबन केंद्रों के ग्राम संयोजक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, रोजगार प्रेरक एवं संस्थान के सहयोगी कार्यकर्ता लोगों को स्वच्छता के तरीके बता रहे हैं। उनके द्वारा कहा जा रहा है कि एक दूसरे से हाथ न मिलाएं, साबुन से बार-बार हाथ धोएं, एक दूसरे के कपड़े ना पहने और अपने तोलियां रुमाल का उपयोग सभी अलग-अलग करें। इसके अलावा कृषि यंत्र जैसे अपने हंसियां, फावड़ा आदि का उपयोग स्वयं करें तथा कृषि कार्य करते समय आवश्यक दूरी बनाए रखें एवं मुंह पर मास्क या गमछा लगाएं।

कोरोना से संक्रमण के चलते ग्राम वासियों से इस अवधि में नशा मुक्ति, तंबाकू, गुटखा, पान, शराब का उपयोग न करने का भी आग्रह किया जा रहा है, ताकि गुटखा पान की पीक-थूक से संक्रमण का खतरा ना रहे। इसके अलावा दीवाल लेखन करके बताया जा रहा है कि आपकी सतर्कता से ही आप और आपका पूरा परिवार सुरक्षित होगा इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करें और भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर रहें।

दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन का कहना है कि हमें थोड़ा और धैर्य रखने की जरूरत है, हमें सावधानी बरतते हुए अपने आप को सुरक्षित रखना है, तभी हम अपने परिवार और देश को सुरक्षित रख पाएंगे। इसके अलावा संकट की इस घड़ी में अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करें।

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