बगियापुर अमृत सरोवर पर किए गए वृक्षारोपण गए सूख, जिम्मेदार बेपरवाह

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मान्धाता : ढूंढ़े नहीं मिल रहे अमृत सरोवर पर बीडीओ एडीओ ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि द्वारा रोपे गए पौधे।
पौधे लगाकर फोटो खिंचवाना जनप्रतिनिधियों और ब्लॉक मांधाता के अधिकारियों के हो गए हैं शौक,लापरवाही की धूप,पेड़ बनने से पहले ही सूख गए पौधे।
महज 20 दिनों के भीतर ही बगियापुर अमृत सरोवर पर किए गए वृक्षारोपण गए सूख, जिम्मेदार बेपरवाह।
शीलापट्ट में लिखे अनुसार पंचम वित्त/केंद्रीय वित्त योजना के अंतर्गत 21-22 में सरोवर का उद्घाटन जिले के सांसद संगम लाल गुप्ता व विश्वनाथगंज विधायक जीत लाल पटेल की अध्यक्षता ब्लाक प्रमुख मांधाता इसरार अहमद की उपस्थिति में हुआ था संपन्न।
ब्लॉक मांधाता के अंतर्गत बगियापुर में अमृत सरोवर को क्षेत्र पंचायत निधि से बनाने में खर्च कर दिए गए सात लाख लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कर रही बयां
अमृत सरोवर के नाम पर निकल गए लाखों लेकिन सरोवर के चारों तरफ सिर्फ बनाए गए हैं मिट्टी ऊंचे के टीले इसके सिवाय नहीं कराया गया है कोई अन्य कार्य
सरकार की महत्वकांक्षी योजना अमृत सरोवर में जनप्रतिनिधि और ब्लॉक के अधिकारी ही लगा रहे हैं पलीता।
विकासखंड मांधाता के ग्राम सभा बगियापुर में क्षेत्र पंचायत निधि से बनाए गए अमृत सरोवर पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि अशफाक,अहमद खंड विकास अधिकारी मांधाता अरुण कुमार, सहायक विकास अधिकारी विजय शुक्ल ने संयुक्त रूप से पौधे रोपे थे वहीं ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि अशफाक अहमद ने बताया था कि सरोवर के चारों ओर फलदार पौधे रोपे जाएंगे उन्होंने यह भी कहा था कि यह अमृत सरोवर क्षेत्र पंचायत निधि से बनाया गया है।
पौधारोपण पर सरकार का विशेष जोर है बड़े पैमाने पर पौधे रोपित किए गए थे इस समय देखने को कुछ भी जीवित नहीं है अधिकांश पौधे सूख चुके हैं गायब हो चुके हैं लेकिन पानी का अभाव व गर्मी पौधों पर भारी पड़ रही है कुछ अनदेखी भी है जिसके चलते पौधारोपण के बाद में भी उनके बचने की उम्मीद बहुत कम है वही पौधे निराश्रित पशुओं का आहार भी बन जाते हैं।
जब ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि अपने ही हाथों द्वारा रोपे गए पौधों को लेकर संजीदा नहीं है तो अन्य बात ही छोड़िए सूखे पौधों को देखकर यही लगता है कि मानो यह पौधे कह रहे हों जिन्होंने हमें लगाते वक्त फोटो खींचाकर बड़ी-बड़ी बातें की थी वह कहा गए आपको बतादें कि अमृत सरोवर पर रोपित सभी पौधे सुख चुके है।
वहीं दूसरी तरफ अगर इस अमृत सरोवर की लागत की बात करें तो लगभग 7 लाख रूपए बताया गया जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है वही अमृत सरोवर के सौंदर्यीकरण की बात करें तो सिर्फ मिट्टी के चारो तरफ ऊंचे टीलों के सिवा अन्य कोई भी कार्य नहीं किया गया है अमृत सरोवर भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया ब्लॉक मांधाता में इस कदर लूट मची है मानों अपनी खुद की पर्सनल बैंक खोलकर बैठे हो जब मन कहे जितना कहे उतना निकाल लो वही इन सब पर जिले के जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं जिसके चलते भ्रष्टाचार को और बढ़ावा मिलता जा रहा है।रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा

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