भाजपा हो या कांग्रेस शीर्ष नेता नहीं पहुँचे शहीद के पैतृक ग्राम

 

ग्रामीण है खफा कहते हैं चुनाव करीब होता तो जरूर पहुंचते बड़े नेता

डलमऊ /  रायबरेली – सियासत का रंग ही कुछ ऐसा है चुनाव पास आते ही नेतागण जनता के सुख दुख में जरूर पहुंचना शुरू कर देते हैं लेकिन जब चुनाव दूर होता है तो नेतागण काफी व्यस्त होते हैं। थाना डलमऊ क्षेत्र के ग्राम मीरमीरानपुर निवासी शहीद शैलेंद्र प्रताप सिंह आतंकवादियों से मोर्चा लेते हुए जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए थे। बीते सप्ताह उनका तेरवही संस्कार किया गया। ग्रामीणों में इस बात का गहरा रोष है कि कोई भी शीर्ष नेता चाहे वह भारतीय जनता पार्टी का हो या कांग्रेस या अन्य पार्टी का उनके ग्राम नहीं पहुंचा। ग्रामीण बड़ा सवाल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर खड़ा कर रहे हैं उनका कहना है रायबरेली में दो बड़े भाजपा नेता रायबरेली पहुंचे जिन्होंने गांव आना उचित नहीं समझा। उसी तरह वह सवाल कांग्रेस से भी करते हैं कि क्या सांसद सोनिया गांधी को अपने क्षेत्र में हुए शहादत का पता नहीं चला उनके प्रतिनिधि कहां हैं? क्या क्षेत्रीय नेताओं के आसरे ही वोट की सियासत रची जाएगी। ग्रामीणों का कहना है उनके गांव की मिट्टी शहीदों के बलिदान से भरी है गांव के ही दो सपूत प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हो गए थे जिनके मेडल अभी रखे हुए हैं। तीसरी शहादत देश की रक्षा करते हुए शहीद शैलेंद्र प्रताप सिंह ने दी है। लेकिन प्रशासन की विफलता की वजह से गांव का विकास नहीं हो पाया शहीद गांव तक घोषित नहीं किया गया। 


ग्रामीणों की क्या है मांग?


मीरमिरानपुर की धरती वीरों से भरी हुई है लगभग 30 फौजी और 25 पुलिसकर्मी, रेलवे, राजकीय कर्मचारी इस गांव का नाम रोशन कर रहे हैं। ग्रामीणों का मानना है हमें कुछ मांग नहीं करनी है लेकिन शहीद गांव के दर्जे के लिए जो भी सुविधाएं दी जाएं उन्हें प्रशासन तत्काल पूरा करें। ग्रामीणों ने मांग की है उनके गांव में खेल का मैदान,शहीद स्मारक , विद्युत प्रकाश की व्यवस्था, शहीद गांव में एक बैंक की व्यवस्था की जाए।

भाजपा नेताओं ने किये ऐलान

एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने अमर शहीद शैलेंद्र प्रताप सिंह के स्मृति में स्मृति द्वार बनवा दिया है। तो दूसरी ओर सरेनी विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्य सड़क से शहीद शैलेंद्र प्रताप सिंह के घर तक आरसीसी रोड बनवाने की बात कही है। लेकिन इस दौरान कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी की तरफ से सांसद निधि के जरिए कोई ऐलान नहीं किया गया है जो बड़ा सवालिया निशान है! इसी के साथ तिलक भवन को यह जानकारी चाहिए कि रायबरेली के लाल शहीद शैलेंद्र प्रताप सिंह शहीद हो गए हैं लेकिन सांसद सोनिया गांधी के प्रतिनिधि उनके पैतृक गांव नहीं पहुंचे।

Click