मध्यप्रदेश में अभिभावकों को राहत नहीं, शिक्षण शुल्क के साथ ऐसी फीस भी वसूल सकेंगे निजी स्कूल, सरकारी आदेश पर हाईकोर्ट का स्टे

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निजी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों के लिए अच्छी खबर नहीं है. लॉकडाउन अवधि में निजी स्कूलों द्वारा सिर्फ शिक्षण शुल्क वसूले जाने के सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि निजी स्कूल लॉकडाउन अवधि में शिक्षण शुल्क के अलावा अन्य जरूरी खर्चे से जुड़ी फीस लेने को स्वतंत्र है.

ये फीस नहीं वसूल सकेंगे निजी स्कूल

हालांकि निजी स्कूल ट्रांसपोर्ट, मेस जैसे गैर जरूरी फीस की वसूली नहीं कर सकेंगे. इससे निजी स्कूलों को काफी राहत मिल गई है. इस निर्देश के साथ ही न्यायालय ने सभी प्रतिवादियों को चार सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं. अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी. कोरोना संक्रमण में सरकार के हस्तक्षेप और खुद को फीस वसूली में स्वतंत्रता दिए जाने की मांग को लेकर सीबीएसई स्कूल एसोसिएशन ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

सरकार के आदेशों पर हाई कोर्ट इंदौर खंडपीठ का स्टे

बता दें मध्यप्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों को लेकर 24 अप्रैल, 15 मई और 15 जून 2020 को अलग-अलग आदेश जारी किया था कि नियमित स्कूल नहीं खुलने तक अभिभावकों से सिर्फ शिक्षण शुल्क ही मांग सकेंगे. इसके अलावा कई अन्य बातें भी कही गई थी. इन आदेशों पर कोर्ट ने स्टे दे दिया है. साथ ही यह भी कहा है कि स्कूल फीस प्राप्त न होने की स्थिति में एडमिशन निरस्त कर सकेंगे.

आदेश मंगलवार को न्यायमूर्ति सतीशचंद्र शर्मा द्वारा दिया गया है. उधर, इंदौर पालक संघ द्वारा न्यायालय में इंटरविनर आवेदन प्रस्तुत किया गया था. इंदौर पालक संघ की यह अपेक्षा थी कि लॉकडाउन की अवधि में लगने वाली ट्यूशन फीस में सभी छात्रों को 50 फीसदी की रियायत दी जाए और कॉशन मनी का उपयोग तात्कालिक रूप से स्कूलों द्वारा कर लिया जाए, जिससे पालकों को इस कठिन समय में आर्थिक कष्ट ना हो, लेकिन अभिभावकों की यह मांग नहीं मानी गई.
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