महिला अस्पताल की बिजली गुल, मरीज़ परेशान

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नरेटर की मदद से चलाया जा रहा है काम ।
बांदा। जिला अस्पताल कैंपस में लगे ट्रांसफार्मर में खराबी आ जाने से जिला महिला अस्पताल की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। इसकी वजह से अस्पताल की तमाम सेवाएं बाधित रहीं। जनरेटर चलाकर काम चलाया गया। उमस भरी गर्मी से प्रसुताएं और नवजात हलाकान रहे। अन्य मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जांच भी पूरी तरह से ठप रही। ट्रांसफार्मर खराब होने की जानकारी लखनऊ स्थित पावर कारपोरेशन अधिकारियों को दी गई है। स्थानीय स्तर पर बिजली कर्मचारी मरम्मत कार्य में जुटे हैं। वहीं एक महिला का आपरेशन टल गया।
जिला व महिला अस्पताल को बिजली कटौती मुक्त रखा गया है। इसके लिए तिंदवारी रोड स्थित 220 केवी सब स्टेशन से 33 केवी की लाइन अलग से डाली गई है। शनिवार की दोपहर करीब 12 बजे जिला महिला अस्पताल का ट्रांसफार्मर अचानक ठप हो गया। इसकी वजह से महिला अस्पताल की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। जनरेटर चला कर बिजली आपूर्ति चालू की गई। बिजली आपूर्ति ठप हो जाने के कारण सीवीसी समेत अन्य जांचें ठप हो गईं। इसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उमस भरी गर्मी में वार्डों में भर्ती प्रसुताओं और नवजात शिशु बेहाल रहे। बिजली गुल होने से अस्पताल में अफरा-तफरी रही। डॉक्टर व स्टाफ बिजली आने का इंतजार करते रहे। जांच करवाने आए मरीज भी हाथ से बने पंखे का सहारा लेते दिखे। काफी मशक्कत के बाद भी आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई। मरीजों और तीमारदारों में जिला अस्पताल प्रशासन और पावर कारपोरेशन अधिकारियों के प्रति नाराजगी रही। महिला अस्पताल सीएमएस डा.सुनीता सिंह ने बताया कि ट्रांसफार्मर में तकनीकी खराबी आने से विद्युत आपूर्ति बाधित हुई। मामला जानकारी में आते ही पावर कारपोरेशन अधिकारियों को सूचना दी गई है। बिजली आपूर्ति बहाल कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। उधर, 220 केवीए बिजली सब स्टेशन एसडीओ सत्यवीर सिंह ने बताया कि जिला महिला अस्पताल के ट्रांसफार्मर खराब होने की जानकारी मुख्यालय लखनऊ में अभियंताओं को दे दी गई है। ट्रांसफार्मर की मरम्मत के लिए लखनऊ से इंजीनियरं को बुलाया गया है। फौरीतौर पर स्थानीय स्तर पर अभियंताओं और लाइनमैनों की टीम ट्रांसफार्मर को दुरुस्त कराने में लगाई गई है। आपूर्ति बहाल कराने का प्रयास किया जा रहा है। बिजली आपूर्ति बाधित होने से जिला महिला अस्पताल में ठप हुई जांच का खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ा। मरीजों को कई जरूरी जांचे बाजार से करवानी पड़ी। कई मरीजों को अगले दिन जांच कराने की सलाह दी गई। मरीज राधा शर्मा, देवकी, माया आदि ने बताया कि जिला महिला अस्पताल की पैथालाजी में खून, लीवर, किडनी, कैल्शिमय, सीरम, यूरिक एसिड आदि की जांच कराना थी। एक घंटे तक इंतजार किया। लेकिन ट्रांसफार्मर खराब होने से जांच नहीं हो पाईं। मजबूरन घर को लौटना पड़ा। जिला महिला अस्पताल के वार्डों में पंखों के ठप होने के बाद प्रसुताओं और नवजात शिशुओं के लिए गमछे और हाथ के पंखों के सहारे रहे। इसके बाद गर्मी अधिक होने के बाद मरीज पसीने से तरबतर रहे। गर्मी से बचने के लिए तो कई मरीज वार्डों से बाहर आ गए। बरामदे में बैठकर गर्मी से बचने का प्रयास किया। बिजली गुल होने से जिला महिला अस्पताल में अफरातफरी का माहौल रहा। रिपोर्ट- सुधीर त्रिवेदी

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