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मंदिर में शादी रचाने के बाद समलैंगिक विवाह करने के लिए कोर्ट पहुंची दो युवतियां
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सुप्रीम कोर्ट के रोक लगाने पर अधिवक्ताओं ने समलैंगिक विवाह कराने से किया इंकार
राठ, हमीरपुर। लड़कों से शादी न करने वाली दो युवतियों ने मंदिर में शादी रचाने के बाद आपस में समलैंगिक विवाह के लिए राठ कोर्ट परिसर पहुंची। जहां सुप्रीम कोर्ट के रोक लगाने पर अधिवक्ताओं ने समलैंगिक विवाह कराने से इंकार कर दिया। इसके बाद दोनों युवतियां चली गई।
जरिया थाने के जिटकरी गांव निवासी 20 वर्षीय रीता पुत्री रामसनेही कुशवाहा ने बताया कि वह चिकासी थाने के रिहुंटा गांव निवासी अपने मामा हरनारायण के घर बचपन से रह रही है। मामा के घर के सामने उसकी दोस्ती 19 वर्षीय सुनीता कुशवाहा से हो गई। धीरे-धीरे उनकी बातें होने लगी।
बताया कि दोनों लड़कों से शादी न करके समलैंगिक विवाह करने की ठान ली। लेकिन सुनीता के घर वाले शादी से मना कर रहे हैं।
बताया कि 6 माह पहले राजकोट चले गए थे। जहां पर एक कंपनी में दोनों ने काम किया। वहां से दो माह रहकर घर आ गई। रीता सुनीता को लेकर जब उसके घर पहुंची तो उसके परिवार वालों ने घर पर रखने से इंकार कर दिया।
सुनीता ने बताया कि उन दोनों ने मंदिर में समलैंगिक शादी कर ली है। उसका पति रीता है और वह पत्नी है। बताया कि उन्होंने आपस में साथ जीने मरने की कसमें भी खा ली है।
- एमडी प्रजापति