जिला अधिकारी की व्यक्तिगत व्यस्तताओं, पिता की बीमारी और असामयिक मृत्यु। पर व्यापारियों ने आपदा में अवसर ढूंढने का कार्य किया ग्राहकों को खूब मनमाने दामों पर सामान बेचा। अब पड़ेगी नकेल लूटने वालों पर
हाल ही में जिलाधिकारी महोदय ने खाद्यान्न और फल, सब्जी, दवाओं, प्रतिष्ठित संस्थानों और मूल्य की लिस्ट की थी जारी पर इसे भी दरकिनार कर उड़ा रहे हैं धज्जियां
रायबरेली
रायबरेली के कुछ व्यापारी सब्जी एवं फलों के थोक व्यापारी पूरी तरह से ग्राहकों को लूटने पर उतारू है। जिसका फायदा फुटकर विक्रेता भी उठा रहे हैं। ताजा मामला आया है जगतपुर, ऊंचाहार और लालगंज सलवन क्षेत्र से जहां कोरोना काल में माल पर्याप्त ना मिलने का बहाना बनाकर तय मूल्य से अधिक धन वसूला जा रहा है। सब्जियां और किराने के सामान अधिक मूल्य पर बेचने की खबर प्रतिनिधियों से प्राप्त हुई है। जहां अंगूर के दाम 120 से 130 है। वही सेब 200 से 220 तक बिक रहा है सरसों का तेल,अरहर की दाल, रिफाइंड सहित रोजमर्रा की चीजों पर आग सी लगी है। घरो में पकने वाले पकवान अब कम हो गए हैं। ग्रहणियां पतियों पर पड़ने वाले बोझ को नहीं देख पा रही हैं। कारण यह है प्राइवेट नौकरीपेशा की नौकरियां छूट गई हैं या मालिकों ने बकाया पैसा नहीं दिया। कहने का अर्थ बिल्कुल साफ है कि आम जिंदगी बेपटरी सी हो गई है। इस मामले में लगातार ब्लॉक और तहसील से मीडिया द्वारा लगातार खबरें आने के बाद माननीय जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने इस ओर सख्त कदम उठाए और अभी हाल ही में रेट लिस्ट भी जारी की जो सोशल मीडिया पर भी वायरल की गई जिससे आम नागरिक और व्यापारी भी इससे अवगत हो सके। इसके बावजूद भी व्यापारी लूटने के लिए तत्पर हैं और औने – पौने दामों पर सामान बेच रहे हैं। एक बात और आपको बताते चले पिछले वर्ष लग्न का मुहूर्त ना होने के कारण शादी विवाह ना के बराबर थी। इस महीने 2021 अप्रैल महीने से ही शुभ विवाह मुहूर्त और अच्छे कार्यक्रमों का होना था,शादियों की तिथि पहले से निश्चित थी अचानक हुई कोविड-19 बंदी से शादी विवाहों पर भी प्रभाव पड़ा है। लड़की का पिता बारात की इज्जत सत्कार के लिए सेठ साहूकारों की दुकानों पर देर रात या सुबह जल्दी खुलवाकर सामान लेने जाता है तो सेठ साहूकार मनमाना दाम लगाते हैं और कह देते हैं भैया बहुत ऊंचे दामों पर सामग्री आ रही है हम क्या करें। जबकि माननीय जिलाधिकारी ने सख्त हिदायत दी है कि कहीं भी अधिक मूल्य पर सामान बेचने की खबर आई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह है कि कलेक्टर महोदय अपने सख्त रवैया से अपने अधीनस्थों, प्रशासनिक अफसरों, फूडइस्पेक्टरो, तहसीलदार,एस डी एम, कोतवाल, सीओ, वी. डी. ओ के माध्यम से कितना ब्लॉक और तहसील में पालन करा पाते हैं कितना सघन चेकिंग अभियान हो पाता है। बढ़े हुए दाम जनता के ऊपर व्याप्त है। और वह मजबूर किसी से बता भी नहीं पा रहा क्योंकि यह व्यापारी उसको समान देता है तो वह एक एहसान स्वरूप होता है या तो वह उधार लेता है या ग्राहक की आवश्यकता पर देता है। इसलिए आम जनमानस इस ओर मुंह खोलने को भी तैयार नहीं समस्या बहुत जटिल है।
अनुज मौर्य/मनीष श्रीवास्तव रिपोर्ट