समझे जाते हैं जमीनी अधिकारी, मौजूदा दौर मे हैं बड़ी चुनौती
रिपोर्ट – दुर्गेश सिंह चौहान
रायबरेली – जनपद की कमान आईएएस अधिकारी वैभव श्रीवास्तव संभालेंगे पीलीभीत जनपद के जिला अधिकारी रहे वैभव श्रीवास्तव के कार्यों पर नजर डालें तो मीडिया रिपोर्ट कहती है वह एक जमीनी आईएएस अधिकारी हैं जरूरतमंद तबके तक सभी योजनाएं पहुंचे इसके लिए वह संकल्पित नजर आते हैं। अगर बात की जाए आईएएस अधिकारी वैभव श्रीवास्तव की तो वह 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं इसके पहले डीएसपी भी रह चुके हैं यही नहीं भारतीय रेलवे में वह आईआरटीएस अधिकारी भी रहे हैं। आईएएस अफसर वैभव श्रीवास्तव बिलासपुर छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं।
आईएएस अधिकारी वैभव श्रीवास्तव के सामने जनपद में होंगी बड़ी चुनौतियां
मौजूदा समय में जिस तरह से कोविड-19 का संक्रमण जनपद में बढ़ता जा रहा है यह गंभीर खतरा का विषय है जनपद वासी इस बात से चिंतित हैं। जिलाधिकारी के सामने गांव, कस्बा क्षेत्रों में लगने वाली बाजारों में, दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग लागू करवाने की जिम्मेदारी होगी ताकि संक्रमण को कम किया जा सके। सरकारी दफ्तरों में जहां पर कोविड-19 का संक्रमण फैल चुका है उस पर त्वरित कार्यवाही करनी होगी क्योंकि पहले तो ऐसा हो चुका है कि दफ्तर को एक दिन बन्द करके फिर से खोल दिया गया है लापरवाही से निपटना भी जिलाधिकारी के लिए बड़ी चुनौती होगी!
जनपद में मौजूद गौशालाओं पर आकर्षित करना होगा ध्यान
रायबरेली में मौजूद गौशालाओं में गोवंश की मृत्यु की खबर व अव्यवस्थाओं की खबरें अक्सर चिंता का सबब बन जाती है। राज्य सरकार द्वारा भेजा जाने वाला पैसे का समुचित प्रयोग हो रहा है या नहीं उसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में किसान परेशान नजर आ रहे हैं आवारा जानवर से रखवाली करने के लिए दिन रात एक कर रहे हैं इस पर ध्यान केंद्रित करना होगा क्योंकि यह देखा गया है ग्रामीण क्षेत्रों में घायल होने या तार से चोटिल होने पर वह जानवर संक्रमण में आकर मर रहे हैं इस पर भी कार्रवाई करनी होगी।
जरूरतमंद तबके को मिले स्वरोजगार योजनाओं का लाभ
केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाएं जो युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने तथा ऋण योजनाओं को जरूरतमंद युवा तक मिल सके इसके लिए भी पारदर्शिता लेकर आना होगा। यह देखा गया है जरूरतमंद युवा प्रोजेक्ट फाइल बनाकर जनपद मुख्यालय के चक्कर लगाता रहता है लेकिन उसे लोन नहीं मिलता जिसके एवज में वह हताश हो जाता है इन परिस्थितियों को दुरुस्त करने की जरूरत भी जिलाधिकारी के सामने होगी।
बरसों से एक ही जगह पर जमे अधिकारियों और कर्मचारियों पर देना होगा विशेष ध्यान
जनपद के अलग-अलग क्षेत्रों मे अधिकारी और कर्मचारी वर्षों से कुर्सी पर जमे हैं इस पर जिलाधिकारी को ध्यान देने की आवश्यकता होगा। समय-समय पर यह निकल कर सामने आता रहा है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से गरीब और वंचित व्यक्ति को न्याय नहीं मिलता उसका काम नहीं होता वह मुख्यालय के चक्कर लगातार काटता रहता है अंत में थक हार कर बैठ जाता है सिस्टम से कोई हताश ना हो इसके लिए भी व्यापक प्रयास करने होंगे।