प्रधान को नहीं दे पाए 20000 हज़ार रुपये तो नहीं मिला आवास
पक्की छत के लिए तरसती विधवा महिला, झोपड़ी में रहने को मजबूर छोटे-छोटे बच्चे
स्थान जालौन यूपी
रिपोर्टर महेन्द्र कुमार गौतम 8542832748
जनपद जालौन के माधौगढ़ तहसील क्षेत्र के छौना मानपुरा में प्रधान के द्वारा भ्रष्टाचार की सारी हदें पार की गई जिसमें आज मीडिया का कैमरा पहुंचा तो एक विधवा महिला नीतू सेंगर रो-रो कर अपनी दास्तान सुनाती है महिला ने बताया कि ग्राम प्रधान के द्वारा मुझे किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है जबकि मेरा पति 2 साल पहले खत्म हो गया है और मैं देहाड़ी मजदूरी करके अपने बच्चों का और अपना पेट पालती हूं और आवास के लिए जब ग्राम प्रधान से कहा तो ग्राम प्रधान ने ₹20000 हज़ार रुपये मांगे और कहा कि आप ₹20000 हज़ार रुपये मुझे देंगी तभी मैं आपका आवास कर पाऊंगा जबकि विधवा महिला एक झोपड़ी में रहकर अपना जीवन यापन कर रही है न सिर पर है छत और न शौच क्रिया के लिए कोई शौचालय छोटे छोटे बच्चे कैसे कर रहे अपना जीवन यापन विधवा महिला ने यह भी कहा कि गांव में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें आवास दिया गया है और वह पात्र भी नहीं है ऐसे में आखिरकार आला अधिकारी क्या कर रहे हैं जबकि पात्र लोगों के लिए सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं आखिरकार क्यों सारी हदें पार करते दिखाई दे रहे हैं ग्राम प्रधान जनपद जालौन में ऐसे कई गांव हैं जिन गांव में विकास के नाम पर लोगों को आश्वासन और धोखा मिला है जबकि गांव को स्वच्छ बनाने के लिए सफाई कर्मी से लेकर प्रधान द्वारा सारी योजनाओं के कार्य करवाए जाते हैं जैसे कि तालाब सुंदरीकरण सड़क आवास शौचालय कायाकल्प जैसी कई योजनाएं हैं जो ग्राम के लिए आती हैं फिर भी ग्रामीणों को इन योजनाओं का क्यों नहीं मिलता है लाभ आखिरकार वजह क्या है अब देखना यह है कि इस महिला को और ग्रामीणों को आला अधिकारियों के द्वारा क्या आश्वासन मिलता है और क्या प्रधान के ऊपर कार्रवाई होती है वही अगर देखा जाए तो गौशाला के लिए सरकार के द्वारा लाखो रुपये खर्च किये गए है लेकिन गौशाला की व्यवस्था तो बत्तर से बत्तर दिखाई दे रही है पूरे पांच सालों में लगता है कि गौशाला में एक भी गाय नही बेड़ी गई है मौजूद में गायों को खाने के लिए लेडोरी तो बानी है लेकिन काफी समय से चारा नही गिरा है और पानी की भी कोई व्यवस्था नही है आखिर कार प्रधान सचिव पंचायत मित्र के द्वारा इतना भ्र्ष्टाचार क्यो बढ़ता जा रहा है क्या इन पर लगाम नही लगती के जिले के आला अधिकारी नजर अंदाज कर रहे है देखना यह है कि अब क्या करते है कार्यवाही ये जांच का विषय है
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