लापरवाही से एक नवजात की मौत

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महोबा के जिला महिला अस्पताल में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से एक नवजात की मौत की जानकारी सामने आई है जिसमें ज्ञात हुआ है कि यहां एक नवजात की चींटियों के काटने से मौत हो गई है घटना से नवजात के परिजनों में आक्रोश व्यापत है, परिजनों द्वारा सम्बंधित जिम्मेदारों पर कार्यवाही की माँग की गई है।
महोबा के महिला जिला अस्पताल में लगातार भ्र्ष्टाचार एवं अनियमितता के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है , जिला अस्पताल में लगातार भर्ती नवजातों एवं मरीजो के साथ लापरवाही बरती जा रही है, इनसे सुविधा शुल्क के नाम पर पैसे एवं अन्य खाने पीने की सामग्री की माँग सामने आ रही है ।
इसी क्रम में एक घटना गुरुवार को देखने को मिली जिसके अंतर्गत चींटियों के काटने से एक नवजात की मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि सम्बंधित डॉक्टर अपनी नींद के आगे किसी की नहीं सुन रही थी, जब उनसे बेड पर चींटी होने की शिकायत की गई तो उन्होंने दुत्कार कर भगा दिया था. वहीं, परिवार ने डॉक्टर पर 6500 रुपये रिश्वत लेने के भी आरोप लगाए हैं. हंगामे के बाद सीएमएस डी.के. सुल्लेरे के द्वारा वार्ड में चीटियाँ होने की बात को पूरी तरह नकार दिया गया, उन्होंने कहा की मरीजों के परिजन ही बाहर से खाने पीने की चीजे लाते हैं उनमें ही मौजूद किसी कपड़े में मौजूद चींटियों से ये संक्रमण हुआ है, एवं जब परिजनों के द्वारा उनके इस आरोप से इनकार किया गया तो सीएमएस द्वारा मामले की जाँच करने की बात कही गयी । वही सदर एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर परिवार को समझाबुझा कर शांत कराया.

गौरतलब है कि इसी अस्पताल में पिछले दिनों मरीज को खून की जगह ग्लूकोज में लाल रंग की दवा मिलाकर चढ़ा दी गई थी और इतना ही नहीं इसके लिए 5000 रुपये की रिश्वत भी ली गई थी, जिस मामले को सूबे के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने गंभीरता से लिया था. वहीं, इसके बावजूद अस्पताल लगातार लापरवाही बरत रहा है जिसका खामियाजा यहां एक नवजात को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा ।

बताया जाता है कि कुलपहाड़ तहसील क्षेत्र के मुढारी गांव का रहने वाला सुरेंद्र रैकवार 30 मई को अपनी गर्भवती पत्नी सीमा को लेकर यहां आया था. डिलीवरी के नाम पर डॉक्टर ने उनसे 6500 रुपये लिए थे. जन्म के बाद नवजात की सेहत बिगड़ने लगी, जिसके बाद उसे विशेष नवजात देखभाल वार्ड में भर्ती कर दिया गया. ऐसा आरोप है कि डॉक्टर ने सफाई का ध्यान नहीं रखा. बेड पर चींटियां थीं और उन्होंने बच्चे को इस कदर काटा कि वह और बीमार हो गया ।
परिवारीजनों द्वारा जानकारी दी गयी कि बेड पर चींटी होने की शिकायत ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और स्टाफ को दी गई थी लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. उनका आरोप है कि महिला डॉक्टर अपनी नींद के आगे किसी की नहीं सुन रही थी, वह बार-बार परिजनों को दुत्कार कर भगा रही थी. बच्चे की मौत से परिजनों में इखासा आक्रोश है और उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. उधर, सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस और एसडीएम (सदर) जितेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर शांत किया है. रिपोर्ट- राकेश कुमार

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