रायबरेली। कोरोना संक्रमित नर्सिंगहोम संचालक ने लापरवाही की हदें पार कर दी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुफ्त जांच कराने की सुविधा उपलब्ध होने के बाद भी नर्सिंगहोम संचालक ने दो-दो बार निजी पैथालॉजी से कोरोना की जांच कराई और जिला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं होने दी।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जांच भी शुरू करा दी है, कि नर्सिंगहोम संचालक ने एक-एक करके कई गंभीर लापरवाही क्यों की। डॉक्टर की 19 अप्रैल को निजी पैथालॉजी में जांच निगेटिव आई थी। फिर भी वो क्वारंटीन में न रहकर जिला अस्पताल के प्रशिक्षण के साथ ही अन्य कार्यक्रमों में शामिल हुए।
30 अप्रैल तक लगातार अस्पताल में ओपीडी के साथ ही बच्चों को भर्ती करके इलाज भी किया। चिकित्सक की मनमानी सामने आने के बाद जिला प्रशासन शिकंजा कसने की तैयारी में है।
शहर के मधुबन रोड स्थित नर्सिंगहोम के संचालक ने रोक के बाद भी अस्पताल का संचालन जारी रखा, लेकिन जिला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। इस लापरवाही के दौरान चिकित्सक कोरोना के चपेट में आ गया।
आशंका पर उसने 19 अप्रैल को जांच कराई थी। हालांकि रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आई थी। लगातार अस्पताल का संचालन करने के बाद नर्सिंगहोम संचालक ने निजी पैथालॉजी से ही दोबारा जांच कराई तो उसमें कोरोना का संक्रमण पाया गया।
चिकित्सक ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की इसकी सूचना तक नहीं दी। संक्रमण मिलने के बाद प्रशासन को इसकी जानकारी हुई। 01 अप्रैल को जिला अस्पताल में प्रशिक्षण में कोरोना संक्रमित नर्सिंगहोम संचालक को शामिल नहीं होना था, फिर भी वह प्रशिक्षण में शामिल हुआ और शहर के 54 और निजी डॉक्टरों की धड़कन को बढ़ा दी।
03 तीन मई को चार नर्सिंगहोम के स्टाफ को प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए बुलाया गया था, लेकिन सूची में नाम शामिल न होने के बाद भी अपने अस्पताल के स्टाफ को प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए भेज दिया।
संक्रमित नर्सिंगहोम संचालक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। संपर्क में आए लोगों को चिह्नित करे जांच कराई जा रही। संक्रमण के मामले को क्यों छुपाए रखा, इसकी भी जांच कराई जा रही है। उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट दी गई है।
– डॉ. संजय कुमार शर्मा, सीएमओ