इमरजेंसी के बाहर जमीन पर लिटाकर किया उपचार
राकेश कुमार अग्रवालकुलपहाड (महोबा)। चलती हुई बाइक पलटने से घायल हुए चालक और सवार को घायलावस्था में अस्पताल में चिकित्सकों के अमानवीय रवैये से भी गुजरना पडा जब इमरजेंसी में ले जाने के बजाए उसका बाहर चबूतरे पर ही लिटाकर इलाज कर दिया।दौरिया – नौगांव म.प्र. निवासी मुकेश अपने साथी हीरालाल के साथ कुलपहाड कोतवाली के ग्राम सतारी में एक शादी में आया था। सोमवार को दोनों शादी समारोह से अपने घर लौट रहे थे। रास्ते में मोटरसाइकिल चालक का संतुलन बिगड़ जाने से दोनों अजनर के पास गिर पड़े।
जिसमें मुकेश ( उम्र 25 वर्ष ) पुत्र दशरथ निवासी दोरिया नौगाँव मध्यप्रदेश गम्भीर रूप से घायल हो गया व हीरालाल को हाथ पैर में चोटें आई हैं।
राहगीरों की मदद से दोनों घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बेलाताल भेजा गया। वहां चिकित्सकों ने इमरजेंसी में ले जाकर उपचार करना तो दूर उन्हें इमरजेंसी के बाहर बने चबूतरे पर धूप में उनका इलाज किया। दोनों कई घण्टे धूप में घायल पड़े रहे। लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा। घायलों को अस्पताल का बैड तक नसीब नहीं हो सका।