उच्चाधिकारियों का है पूर्ण वरदहस्त
सतना – प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मातहत अधिकारियों और कर्मचारियों को भ्रष्टाचार से निपटने के लिए जहां कड़ी कार्रवाई करने की बात कहते हैं।वहीं दूसरी तरफ सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार की गंगा बहाते हुए डुबकी लगाते हुए नजर आ रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण स्थित अब यह हो चली है कि आम जनता को यह भी समझ में नहीं आता कि आखिर शिकायत किससे और कहां की जाय।मामला सतना जिले में मझगंवा तहसील की पिंडरा ग्राम पंचायत का है। इस ग्राम पंचायत का सचिव रमेश यादव भ्रष्टाचार के मामलों में भ्रष्टाचारी भगोड़े “विजय माल्या ” से मुकाबला करते हुए नजर आता है।पिंडरा ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा इस ग्राम पंचायत में करवाए गए करोड़ों रुपए के कार्य इनके भ्रष्टाचार की कहानी खुद अपनी ही जुबानी कहते नजर आते हैं। जहां एक तरफ लगभग अधिकांश कार्यों में सचिव रमेश यादव के द्वारा स्वीकृति राशि से अधिक राशि को निकाल लिया गया है। तो वहीं दूसरी तरफ आधे अधूरे कराए गए कार्य गुणवत्ता और मानक विहीन हैं।इसी ग्राम पंचायत की हरिजन बस्ती चौरहा में बनवाई गई सी सी सड़क को अगर झाड़ू लगाकर बटोरा जाए,तो सड़क उखड़ जाएगी। इसी तरह पिंडरा में ग्राम पंचायत कार्यालय निर्माण के नाम पर एक लाख बीस हजार रुपए,आगनवाड़ी,गौशाला आदि अनेक ऐसे कार्य है जिनमे भ्रष्टाचार खोजने की जरूरत ही नहीं है बल्कि सामने खुद ब खुद दिखाई पड़ रहा है। पिंडरा ग्राम पंचायत के सचिव रमेश यादव के कारनामों की फेहरिस्त यही नहीं रुकती।खुद के भतीजे के नाम फर्जी दुकान ” अंश ट्रेडर्स ” के नाम पर फर्जी बिल बाउचर बनाकर लाखो रुपए का घोटाला किया गया है। बावजूद इसके सचिव रमेश यादव की पहुंच कहा जाए या फिर रसूख या बंदर बाट। मजाल है कि कोई अधिकारी इनके खिलाफ कोई बात सुन ले।जांच की तो बात ही बहुत दूर है। बीते वर्षों में ग्राम पिंडरा के निवासियों ने जनपद सी ओ से लेकर एस डी एम मझगंवा,सी ओ जिला पंचायत सतना और कलेक्टर सतना के यहां सचिव रमेश यादव के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचारों की जांच की मांग की,लेकिन नतीजा अब तक शून्य है। हमारी मीडिया टीम ने भी जब इस संबंध में जनपद पंचायत मझगंवा के सी ओ अशोक मिश्रा से सचिव के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचारों पर बात करने की कोशिश की,तब उनके द्वारा कुछ भी बताने से यह कह कर मना कर दिया गया कि जिला पंचायत सी ओ ने मीडिया को जानकारी देने पर रोक लगाई हुई है। दूसरी तरफ ग्राम पंचायत के तमाम ग्रामीणों ने सचिव रमेश यादव के द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की रकम के बंदर बाट के आरोप लगाएं है। जो सच साबित होते हुए नजर आते हैं।