सरकार की टीएसपी योजना से बदल रही आदिवासी बाहुल्य गांव गोपीपुर की तस्वीर

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स्थानीय संसाधनों से स्वावलंबन की ओर बढ़ रहे ग्राम गोपीपुर के कृषक; उत्साहवर्धन करने पहुंचे दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव डॉ अभय महाजन

सतना – जनपद के मानिकपुर ब्लॉक के अन्तर्गत गोपीपुर करौहा में दीनदयाल शोध संस्थान के तुलसी कृषि विज्ञान केन्द्र गनीवां द्वारा चल रही ट्राइबल सब प्लान परियोजना द्वारा स्थानीय संसाधनों से आदिवासी कृषकों को स्वावलंबी बनाया जा रहा है।

आदिवासियों के उत्थान के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीएसपी (ट्राइबल सब प्लान) योजना से आदिवासी बहुल गांवों की तस्वीर बदल रही है। आज वहां का नजारा बदल गया है। हर घर में लोग स्वरोजगार में जुटे हैं।

यह परियोजना विगत 3 वर्षों से चल रही है, जिसके तहत भारत सरकार द्वारा प्रत्येक कृषक को उचित बीज भंडारण सुविधा उपलब्ध कराई गई है। परियोजना के अंतर्गत कुछ कृषकों को दुग्ध उत्पादन इकाई के तहत 12 भैंस एवम् आटा चक्की, डीजल इंजन, चेक डैम, आदि संसाधनों का वितरण किया गया है। जिससे गोपीपुर के समस्त कृषक समृद्ध हो रहे है।

दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने इन योजनाओं को वृहद रूप देने के लिए कहा है एवं आज ग्राम गोपीपुर में पहुंचकर सभी गतिविधियों का अवलोकन भी किया। इस दौरान उन्होंने सभी कृषकों का उत्साह वर्धन भी किया। चर्चा के दौरान कृषकों द्वारा दीनदयाल शोध संस्थान का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

दीनदयाल शोध संस्थान के कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां-चित्रकूट के सहयोग से आदिवासी महिलाओं के जीवनस्तर में सुधार के लिए उन्हें कृषि से लेकर पशुपालन तक की तकनीक बताई जा रही है। खासकर महिलाओं को मुर्गी पालन, बकरी पालन, मशरूम उत्पादन, किचेन गार्डेन, बागवानी व खेती के बारे में भी बताया जा रहा है। इस योजना से कई आदिवासी परिवार लाभान्वित भी हो रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की टीम समय-समय पर गांव जाकर आदिवासियों को प्रोत्साहित भी करती है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. चंद्रमणि त्रिपाठी, डॉ कमला शंकर शुक्ला, डॉ विजय गौतम इस योजना को अमलीजामा पहनाने में लगे हैं।

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