डॉ एपीजे अब्दुल कलाम नोबल क्वेश्चन अवार्ड के सत्र- 2020 में बच्चों ने लिया भाग,
अब तक पाँच हज़ार विद्यार्थी पूछ चुके हैं दस हज़ार प्रश्न,
पूर्व राष्ट्रपति डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम ने इस अभियान की प्रशंसा कर चुके हैं
वाराणसी: राजघाट (22/11/2020) विगत दो दशकों से वाराणासी में बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली विजन संस्था ने रविवार को उक्त कार्यक्रम गांधी विनोबा जेपी के विचारों के केंद्र सर्व सेवा संघ के साधना केंद्र में आयोजन सम्पन्न हुआ। प्लानेटरी पीस और प्लानेटरी पॉलिटिकल सिस्टम आन्दोलन की संस्था वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी एवं विज़न सोसाइटी फ़ॉर इंटरेक्टिव ऑपरेशनल नीड्स के तत्वाधान में सार्वभौमिक बाल दिवस का आयोजन सर्व सेवा संघ राजघाट में उक्त आयोजन को ‘बाल सद्भावना संगम’ का नाम देते हुये ‘इन्वेस्टिंग इन आवर फ्यूचर मीन्स इन्वेस्टिंग इन आवर चिल्ड्रेन’ विषय के अंतर्गत ‘डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम नोबल क्वेश्चन अवार्ड’ सत्र-2020 को विधिवत रूप से आयोजित किया गया. जिसमें बच्चों ने विज्ञान, समाज, शिक्षा, राजनीति, पर्यावरण, सरकार आदि से सम्बन्धित प्रश्न किया. कार्यक्रम निदेशक जावैद अब्दुल्लाह ने कहा कि सुक़रात से लेकर आइन्सटीन, विक्रम साराभाई और कलाम तक सभी ने सवाल के महत्त्व को समझा है.महात्मा गांधी , बुद्ध, प्रोफ़ेट मुहम्मद (स.अ.व.)सभी ने कहा है, “अच्छा सवाल आधा ज्ञान है.” मुख्य अतिथि जावैद ने कहा कि डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम नोबल क्वेश्चन अवार्ड पिछले पाँच सालों से प्रतिवर्ष बच्चों को प्रश्न पूछने के लिये प्रेरित करता है और इसके लिये मंच प्रदान करता है। जिसमें प्राथमिक विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तक के पाँच हज़ार छात्र- छात्राएं प्रतिभाग ग्रहण कर चुके हैं, जहाँ इनके द्वारा दस हज़ार प्रश्न पूछे गये हैं. वर्तमान और भविष्य की गम्भीर एवं समस्याओं को चिन्हित करने वाले और निदान की सम्भावनाओं को दर्शाने वाले अच्छे प्रश्न को चयनित कर उन्हें प्रमाणित एवं पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम की आयोजक सन्स्था विजन की संचालक जागृति राही ने बच्चो को 14 नबम्बर बाल दिवस, 20 नबम्बर अंतराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस और 26 नबम्बर संविधान दिवस के विषय मे बच्चो को जानकारी दी। 50 बच्चो ने इस मौके पर प्रतिभाग किया। बच्चो ने खेल खेल में सीखा, गीत गाये, योग और आसन ध्यान के विषय मे जाना। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्त्ता गोपाल पांडे, प्रो जिया, डॉ सजय, कमलेश यादव, योग शिक्षक सच्चिदानंद ब्रम्हचारी आदि लोग उपस्थित थे.
धन्यवाद
द्वारा
राजकुमार गुप्ता
वाराणसी