सीएचसी जैतपुर के प्रभारी चिकित्साधिकारी ने मरीजों को लू बचाव के बताये उपाय

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महोबा , सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैतपुर में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर आशीष तिवारी ने अस्पताल आए मरीजो व तीमारदारों को लू के प्रकोप से बचने के उपाय बताते हुए और हीटस्टोक से बचने के लिए पंपलेट वितरित किए। चिकित्साधीक्षक डॉ आशीष तिवारी ने बताया कि बढ़ते तापमान के चलते हीट स्ट्रोक से बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। गर्म हवाओं से डिहाइड्रेशन, चक्कर आना और पेट दर्द जैसी अन्य बीमारियों के लोग शिकार हो रहे हैं। ऐसे में लू के थपेड़ों से बचने के लिए खानपान और लाइफस्टाइल थोड़ा बदलाव जरूरी हो जाता है। भीषण गर्मी ने अपना सितम ढाना शुरू कर दिया है। ऐसे में चाहे बच्चे हों या बड़े, हर किसी को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। इन दिनों खानपान को लेकर या घर से बाहर निकलते समय बरती जाने वाली छोटी-सी लापरवाही भी आपको बड़े खतरे में डाल सकती है। ऐसे में डॉक्टर्स अक्सर बाहर के खाने के खाने पीने की चीजों से दूरी बनाए रखने की सलाह देते हैं।

प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर आशीष तिवारी ने लोगो से कहा कि लू प्रकोप गर्म हवा कड़ी धूप में बाहर न निकलें,खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक के बीच में। जितनी बार हो सके पानी पियें, प्यास न लगे तो भी पानी पियें।हल्के रंग के ढीले ढाले सूती कपड़े पहनें। धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें यात्रा करते समय अपने साथ पानी रखें। अगर आपका काम बाहर का है तो टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपडे को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें। अगर आपकी तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें। घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छांछ, आम का पना इत्यादि का सेवन करें। जानवरों को छांव में रखें और उन्हें खूब पानी पीने को दें।

अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे, शहर आदि का इस्तेमाल करें। रात में खिड़कियाँ खुली रखें। शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें। धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं पालतू जानवरों को न छोड़ें। खाना बनाते समय कमरे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे। नशीले पदार्थ, शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचें। उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें और बासी भोजन न करें। खिडकी को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गप्ते इत्यादि से ढक कर रखें ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके। उन खिड़‌कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएँ आती है, काले पर्दे लगाकर रखना चाहिए स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें।

आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें। बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी बंद घर में अकेला न छोड़ें। जहाँ तक संभव हो घर में ही रहें तथा सूर्य के सम्पर्क से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिए जहाँ तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहें। संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें। घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढक कर रखें। इस मौके पर डॉक्टर पवन , डाक्टर अभय यादव , डॉक्टर महेंद्र कुमार , उमेश कुमार विश्वकर्मा , मनोज सैनी, हसमत, हल्लू कुशवाहा, महेन्द्र तिवारी, रामबाबू अहिरवार, मोहम्मद नवी ,कोमल अनुरागी,आजाद मंसूरी ,इकबाल कुर्रेशी, देशराज कुशवाहा, नन्दकिशोर कुशवाहा सहित स्टाफ मौजूद रहे।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

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