अंतर्राष्ट्रीय शुद्ध वायु दिवस पर किया गया जागरूक

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वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों की रोकथाम व बचाव के दिए टिप्स

● कोरोना काल में बुजुर्ग, गर्भवती व बच्चों का रखें खास ख्याल

● खाली स्थानों पर पौधे लगाने की दी गई सलाह

बाँदा—मंडल के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य इकाइयों पर सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय शुद्ध वायु दिवस मनाया गया । यह 12 सितंबर तक चलेगा । डाक्टर, नर्स व स्वास्थ्य कर्मियों ने आने वाले लोगों को वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों व उनसे बचने के उपायों के बारे में बताया । इसके साथ ही उन्हें पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए अपने घरों के आस-पास खाली पड़े स्थानों पर पौधरोपण करने के प्रति संकल्प दिलाया।

मंडलीय परियोजना प्रबधंक आलोक कुमार (एनएचएम/सिफ्सा) ने बताया कि प्रदूषण की मार से सांस के मरीज बढ़ रहे हैं। इससे ग्लोबल वार्मिंग, दिल की बीमारी, फेफड़ों की बीमारी, कैंसर, मानसिक समस्या, किडनी की बीमारी इत्यादि हो सकती हैं। यदि प्रदूषण की रोकथाम के लिए कारगर व्यवस्था नहीं की गई तो इसका दीर्घकालिक परिणाम बेहद घातक साबित हो सकता है, क्योंकि प्रदूषण की मार से गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क पर भी असर पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य इकाइयों पर बच्चों और बुजुर्गों को सलाह दी गई है कि कोरोना वायरस के खतरे को दिखते हुए वह घर से बाहर की गतिविधियां न करें । खास तौर पर सांस के मरीजों को एहतियात बरतने की सबसे ज्यादा जरूरत है।

उन्होंने कहा कि लोगों को सलाह दी जा रही है कि घर से बाहर निकलने पर मास्क जरूर लगाएं। पानी ज्यादा पिएं, इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होती। अस्थमा के मरीज अपनी दवाइयां साथ लेकर ही घर से निकलें। घर पर अस्थमा के मरीज अधिक हों तो एयर प्यूरीफायर लगवाएं। खुले में व्यायाम कतई न करें। बच्चों-बुजुर्गों का स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़े तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

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