ई-केवाईसी न कराने पर रुकेगी 4.32 लाख किसानों की सम्मान निधि
रायबरेली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ पाने वाले चार लाख 32 हजार किसानों के लिए जरूरी खबर है। आगे यदि उन्हें सम्मान निधि का लाभ पाना है तो हर हाल में उन्हें ई-केवाईसी कराना होगा।
इसके लिए कृषि विभाग की तरफ से गाइडलाइन जारी कर दी गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ पाने के लिए अब किसानों को ई-केवाईसी कराना अनिवार्य होगा।
यह प्रक्रिया पूरी न करने पर अगले माह (अप्रैल) में मिलने वाली योजना की 11वीं किस्त रुक सकती है। इसको पूरा करने की मियाद 31 मार्च 2022 तक ही है।
फिलहाल करीब 30 फीसदी किसानों ने ही ई-केवाईसी कराया है। मार्च माह समाप्त होने में महज आठ दिन शेष हैं। ऐेसे में 70 फीसदी किसानों को ई-केवाईसी आठ दिनों के भीतर कराना अनिवार्य होगा।
अब भारत सरकार इस योजना में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। जिन किसानों का ई-केवाईसी होगा, अब उनके ही खाते में भारत सरकार की ओर से धनराशि भेजी जाएगी।
ई-केवाईसी के लिए ऐसे करें प्रक्रिया
ई-केवाईसी के लिए सबसे पहले योजना की वेबसाइट पर जाना होगा। दाहिनी तरफ ऊपर ई-केवाईसी लिखा होगा, उस पर क्लिक करें।
यहां पर आप अपना आधार नंबर और ईमेज कोड डालकर सर्च बटन पर क्लिक करें। आधार से लिंक मोबाइल नंबर डाले। इसके बाद मोबाइल नंबर पर ओटीपी जाएगा, उसे दर्ज करें।
अगर सबकुछ ठीक रहा तो ई-केवाईसी पूरी हो जाएगी। इनवैलिड लिखा हुआ आता है तो इसे ठीक कराने के लिए आधार सेवा केंद्र या सहज जनसेवा केंद्र पर जाना होगा, वहां से बायोमैट्रिक प्रणाली द्वारा इसे सही किया जाएगा।
कृषि विभाग में 31 मार्च 2022 से पहले ई-केवाईसी कराने की प्रक्रिया अनिवार्य कर दी गई है। 31 मार्च 2022 के बाद भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की ओर से भुगतान प्रक्रिया बैंक खाता संख्या बदलकर आधार संख्या आधारित कर दी जाएगी।
प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना में पारदर्शिता बरतने के चलते सरकार की तरफ से ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया गया है। तत्काल किसान ई-केवाईसी करा लें, अन्यथा अगले माह से उनकी सम्मान निधि रुक जाएगी। यदि ई-केवाईसी कराने में उन्हें कोई दिक्कत आ रही है तो वह उनके कार्यालय से भी संपर्क कर सकते हैं। उनकी समस्या का समाधान हर हाल में करा दिया जाएगा।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
उप कृषि निदेशक एच एन सिंह ने बताया कि इस समय जिले में चार लाख 32 हजार किसानों को सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है।
एचएन सिंह, उप कृषि निदेशक