अगर नाबालिग ने चलाया चार,दोपहिया वाहन तो नपेंगे माता पिता,लगेगा तगड़ा जुर्माना,3 साल तक हो सकती हैं सज़ा

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रायबरेली-अगर 18 साल से कम उम्र के बच्चे रविवार से अगर दोपहिया अथवा चार पहिया गाड़ी चलाते मिले तो उनके अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इतना ही नहीं, अभिभावकों से 25 हजार रुपये का जुर्माना भी वसूला जाएगा। रायबरेली ट्रैफिक पुलिस रविवार सुबह 11 बजे से चौराहों और स्कूलों के आस-पास निरंतर यह चेकिंग अभियान चलाएगी।

अपर पुलिस अधीक्षक नवीन कुमार सिंह ने बताया कि आए दिन बढ़ रहे हादसों के मद्देनजर यह व्यवस्था की जा रही है। 18 साल के कम उम्र के बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाले बच्चे वाहन नियंत्रित नहीं कर पाते, इसलिए हादसे होते हैं। अपर पुलिस अधीक्षक ने अभिभावकों से अपील करी है कि वह किसी भी दशा में बच्चों को वाहन न दें। बच्चे वाहन चलाते मिले तो मोटर वाहन यान अधिनियम की धारा 199-क के तहत कार्रवाई की जाएगी।

वाहन मालिक को 3 साल तक की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना

यह आदेश उत्तर प्रदेश परिवहन यातायात कार्यालय की तरफ से शिक्षा निदेशक माध्यमिक को भेजा गया है। आदेश उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से दिए गए निर्देश के बाद जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि यदि कोई अभिभावक (वाहन मालिक) 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाने के लिए देगा तो उसका जिम्मेदार वह स्वयं होगा। अगर नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा गया तो उसके अभिभावक या वाहन मालिक को 3 साल तक की सजा और 25 हजार रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है साथ ही वाहन का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा।

नाबालिग के पकड़े जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस 25 साल की उम्र के बाद
नाबालिग अगर गाड़ी चलाते पकड़ा गया तो उनका ड्राइविंग लाइसेंस भी 25 साल की उम्र के बाद ही बनेगा। एक्सीडेंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूपी परिवहन विभाग की तरफ से ये कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने कहा कि 18 साल से कम आयु के बच्चे बिना ड्राइविंग लाइसेंस के और लापरवाही से गाड़ी चलाने पर दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं. आंकड़ों के अनुसार, सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले 40 फीसदी नाबालिग बच्चे होते हैं. जिनकी आयु 12 से 18 साल के बीच की होती है। इसलिए ऐसे नियम बनाए जाने की जरूरत हुई है

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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