अज्ञात बालकों की सूचना पर तुरन्त बांदा मदद को पहुंची चॉइल्डलाइन टीम

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चाइल्डलाइन महोबा के संरक्षण में प्राप्त बालक
  • बच्चो ने बताया वह खेलते हुये मालगाड़ी में बैठ गये थे और वह चल दी जिस कारण वह बांदा में भटक गये

  • काॅलर की सूचना पर तत्काल बालको की मदद हेतु रवाना हुयी चाइल्डलाइन महोबा की टीम

  • बच्चो को अपने संरक्षण में लेकर माता-पिता को खोज रही टीम

रिपोर्ट – H. K. Poddar

महोबा। बच्चो के मुसीबत की घड़ी में तत्काल 1 घण्टे के भीतर आवश्यक सहायता पहुंचाने हेतु भारत के अनेको जिलो में तथा अनेको कस्बो में चाइल्डलाइन हेल्पलाइन सेवा 1098 कार्यरत है। जिसका प्रथम उददेश्य किसी भी प्रकार के संकट से जूझ रहे बच्चो को शीघ्र सहायता पहुंचाकर उनकी मदद करना। जिसके लिए 24 घण्टे चाइल्डलाइन सेवा कार्य कर रही है। जनपद के महोबा में भी कृति शोध संस्थान संस्था द्वारा मनोज कुमार के निर्देशन में चाइल्डलाइन का सफल संचालन किया जा रहा है। जिसमें 1098 में काॅल करने वाले बच्चो के प्रति छोटी-से छोटी समस्या का भी समाधान गम्भीरता से किया जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार को कोलैब महोबा में एक काॅल प्राप्त होती है जिसमें काॅलर द्वारा बताया जाता है कि हमीरपुर से बांदा की ओर आयी मालगाड़ी में दो अज्ञात बालक पाये गये है जो बांदा स्टेशन पर उतर कर भटक गये। बालक संकट में थे काॅलर ने सूचना करके बताया कि बालक डरे हुये है कृप्या आप उनकी शीघ्र मदद करे। काॅल प्राप्त होते ही चाइल्डलाइन महोबा के केन्द्रसमन्वयक प्रेमचन्द्र यादव तथा टीम मेम्बर अनूप द्विवेदी तुरन्त बालको तक मदद पहुंचाने के लिए निकल पड़े। समय से बादा पहुंचने के बाद आवश्यक कागजी कार्यवाही करके बच्चो को अपने कब्जे में लिया तथा उनकी उचित देखभाल करना प्रारम्भ किया। बच्चो से बातचीत करने पर एक ने अपना नाम धीरज कुमार तथा पिता का नाम संतोष कुमार बताया। दूसरे बच्चे ने अपना नाम नीरज कुमार पुत्र रामसागर यादव बताया। बच्चो से और जानकारी लेने पर उन्होने बताया वह खेल रहे थे उसी दौरान खेलते समय वे मालगाड़ी में बैठ गये और मालगाड़ी चल पड़ी जिस कारण वे उतर नहीं पाये जब बांदा में मालगाड़ी रूकी तो वे स्टेशन परिसर में उतरे और भटक गये। वर्तमान में बच्चो की उचित देखभाल कर उनके माता-पिता की खेाज की जा रही है।

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