अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति के सम्राट हैं राणा बेनी माधव बक्श सिंह

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स्वतंत्रता संघर्ष के अमर नायक रहे ”राणा बेनी माधव सिंह”

जगतपुर, रायबरेली , भारत के इतिहास में 1857 का स्वतंत्रता संग्राम सबसे महत्वपूर्ण अध्याय है जिसने बाद में स्वतंत्रता की अलख जगाई। इस क्रांति के केंद्र में अवध था और इसके महानायकों में राना बेनी माधव सिंह का नाम इतिहास के पन्नो में दर्ज है। प्रख्यात लेखक अमृत लाल नागर ने राणा को अवध की क्रांति का पुष्प बताया है। राना के शौर्य की गाथा आज भी रायबरेली के घर-घर में लोक कहावतों व गीतों में मौजूद है।

1856 में अवध के नवाब वाजिद अली शाह को अंग्रेजों द्वारा पद से हटाने का सबसे मुखर विरोध राणा बेनी माधव ने ही किया था। ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बनाया गया रायबरेली का सलोन जिला मुख्यालय पर हुआ विद्रोह राणा की ही संगठन क्षमता की देन थी। राणा के नेतृत्व और संगठन को लेकर ऐसी दूर दृष्टि थी कि 1857 की क्रांति के पहले ही पूरे रायबरेली जिले में जगह-जगह विद्रोह शुरू हो गया था। कंपनी के मेजर गाल की हत्या और न्यायालय पर हमला करके आग लगा देना यह सब राणा की गुरिल्ला रणनीति का एक उदाहरण था।

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा। खूब लड़ा मर्दाना वह तो शंकरपुर का राना था यह बचपन से आज तक हम सभी की जुबानों से सुनते चले आ रहे हैं । हम भाग्यशाली हैं और गर्व महसूस करते हैं कि हम उस धरा के रहने वाले हैं उस मिट्टी से बने हैं और उस वीरभूमि में जने हैं और उस मिट्टी को माथे तिलक लगाते हैं और चूमते हैं। वह गौरवशाली ऐतिहासिक स्थान है जगतपुर के समीप स्थित शंकरपुर और उड़वा गांव जो कि अपने आप में वीर गाथाएं और कहानियां कलेजे में समेटे हुए है।

जो युगों युगों तक पीढ़ियों को सुनाई जाती रहेगी। यही कारण है कि इस क्षेत्र के अधिक से अधिक नौजवान पुलिस और फौज में भर्ती होना पसंद करते हैं और लगातार तैयारी करते रहते हैं। वहीं राना साहब की कुलदेवी आदि शक्ति जगत जननी मां दुर्गा का विशालकाय मंदिर भी स्थित है जो कि अब शासन की नजर में राना बेनी माधव बख्श सिंह के पदाधिकारियो द्वारा शासन को संज्ञान देने के बाद अत्यंत विशालकाय मंदिर और प्रांगण की स्थापना सुन्दरतम तरीके से होने के लिए अग्रसर है। रविवार को वीर अमर शहीद राना बेनी माधव बक्श सिंह को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के उत्तराधिकारियों अमित मिश्रा अजय सिंह सहित विभिन्न पदाधिकारी द्वारा इंटर कॉलेज शंकरपुर के प्रधानाचार्य लेफ्टिनेंट सत्येंद्र कुमार एवं उपस्थित सम्मानित लोगों की उपस्थिति में श्रद्धांजलि दी गई।

सात जनवरी को मुंशीगंज में अंग्रेजों द्वारा बर्बरता पूर्ण किसानों पर गोली चला देने की घटना को स्मृति कर भारी मन से श्रद्धांजलि दिवस के रूप में मनाया गया। तत्पश्चात यह काफिला जिले के विभिन्न स्मारक और वीरगति ऐतिहासिक स्थान स्मारक लालगंज ऊंचाहार एवं विभिन्न तहसीलों के तमाम क्षेत्रों से होते हुए शंकरपुर पहुंचा। यह कार्यक्रम 14 जनवरी को इंटर कॉलेज शंकरपुर के सामने प्रांगण में स्थित राना पार्क में स्थित अश्व पर सवार राना बेनी माधव बख्श सिंह के प्रतिमा पर फूल और माला अर्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। कॉलेज प्रांगण में स्थित स्मारक पर मोमबत्ती और दिए जलाए गए साथ ही फूल और मालाये अर्पित किए गए।

आपको बताते चले राना पार्क पर स्थित मूर्ति के सुन्दरीकरण को लेकर कालेज के प्रबंधक श्री हरिचन्द्र बहादुर सिंह और कालेज के प्रधानाचार्य लेफ्टिनेंट श्री सत्येंद्र कुमार सहित शिक्षक शिक्षिकाओं कालेज स्टाफ और समाज के कुछ सम्मानित लोगों द्वारा योजना भी बनाई गई है। जल्द ही पार्क में एक विशाल अश्व और उस पर सवार अमर शहीद राना बेनी माधव बख्श सिंह की विशालकाय अश्वरोही प्रतिमा विराजमान होगी। यह कार्य जल्द ही पूरा किए जाने की बात कही गई है। इस मौके पर सूरजदीन अंशुमान उप निरीक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह अजय कुमार सिंह पूर्व प्रधानाचार्य ओसाह शिवगढ़ शिवकुमार सिंह पूर्व प्रधानाचार्य राजापुर हर्षित मिश्रा अमरनाथ सिंह अभिनेश कुमार सिंह अनिल कुमार सिंह देवराज शुक्ला आजाद सिंह अमिताभ द्विवेदी सर्वेश सिंह जितेन्द्र बहादुर सिंह राजकुमार सिंह निखिल कुमार पाल वीके सिंह भूतपूर्व सीडीओ अमित मिश्रा सहित क्षेत्र के सम्मानित लोग मौजूद रहे।

रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव

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