कौशाम्बी| जिला अस्पताल में मंगलवार को Covid-19 के संभावित मरीजों की तलाश में तैनात चिकित्सक बिना सेफ्टी किट के ही जाँच कर रहे है। जान की परवाह किये बिना डियूटी पर तैनात डाक्टर व् मेडिकल स्टाफ तकरीबन 4 हज़ार के करीब प्रवासियों का हेल्थ चेकअप कर चुके है। हालांकि जनपद में आने वाला कोई भी शख्स कोरोना से पीड़ित नहीं मिला है।
गौरतलब है कि वैश्विक महामारी Covid 19 से बचाव ही इसका कारगर तरीका माना गया है। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री ने आम जन-मानस को सतर्क करते हुए लाक-डाउन की घोषणा की है। हर उस खास-ओ-आम को चेक किया जा रहा है जो प्रवासियों के तौर पर अब अपने गांव क़स्बा पहुंच रहा है। संभावित मरीजों को खोजने में सबसे बड़ी जिम्मेदारी डाक्टर और हेल्थ कर्मी निभा रहे है। वह सीधे संभावित मरीज से संपर्क में आकर उनका परीक्षण करते है। ऐसे में सरकार ने डाक्टर व् हेल्थ कर्मियों के लिए कोरोना बचाव किट जिला स्तर पर अस्पतालों में मुहैया करा रखी है। इसके बाद भी जनपद में जिला अस्पताल प्रशासन ने अब तक Covid 19 के संभावित मरीजों की तलाश में लगे डाक्टर व् हेल्थ कर्मियों को किट नहीं दी गई है।
आयुष चिकित्सको का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें Covid 19 के संभावित मरीजों की जाँच में तैनात किया है। अब तक उन्हें न त्रिस्तरीय सुरक्षा वाला मास्क नहीं दिया गया है। वह खुद से आम आदमी के यूज का मास्क लगा कर काम चला रहे है। सेनेडाइजर की कमी के चलते कई बार प्रवासियों का हाथ नहीं साफ़ करा पाते है। उन्हें अब तक कोरोना वाइरस से बचाव की किट भी मुहैया नहीं कराई गई है। ऐसे में वह जान का जोखिम लेकर संभावित लोगो का हेल्थ चेकअप कर रहे है। डियूटी बदलने के बाद उन्हें अपने घर जाना होना है, लिहाजा खतरा बढ़ जाता है।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ दीपक सेठ का कहना है कि उनके पास डाक्टरों व् हेल्थ कर्मियों के लिए Covid 19 बचाव किट के रूप में त्रिस्तरीय मास्क अभी नहीं उपलब्ध हो पाया है। सेनेडाइजर की कोई कमी नहीं है, यदि जाँच टीम को नहीं मिलने की शिकायत है तो उसे दूर किया जायेगा। उनके पास मेडिकल स्टाफ को दिए जाने वाले सुरक्षा किट का पर्याप्त बजट है
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