मिर्जापुर/वाराणसी। अहरौरा, वाराणसी के आशा ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं ने मिर्जापुर ज़िले के जमालपुर ब्लाक के रस्तोगियां गाँव के शादी विवाह आदि अवसरों पर अपने गीत संगीत और नृत्य से लोगों का मनोरंजन करने वाले उपेक्षित वर्ग और वंचित समुदायों के बच्चों के भविष्य के लिए सराहनीय काम कर रही है।
संस्था ने ऐसे बच्चों के लिए स्कूल बनाया है, जहां वो बिना किसी भेदभाव और ताने के स्वतंत्र होकर शिक्षा ले सकते हैं।
बनारस के युवाओं ने पहल कर उपेक्षित और वंचित समुदायों के बीच आशा सामाजिक शिक्षण केन्द्र द्वारा फैला रहे शिक्षा का उजियारा
-आशा ट्रस्ट के कार्यकर्ता महेंद्र राठौर के मुताबिक, मनोरंजन वर्कर्स के बच्चे होने के नाते समाज इन्हें अलग नजर से देखता है।
– इसी वजह से ज्यादातर स्कूल में इनका एडमिशन तक नहीं हो पाता।
– इसी को देखते हुए संस्था ने ऐसे स्कूलों की स्थापना की है, जहां ये बच्चे बिना किसी रोक-टोक के पढ़ाई कर सकते हैं।
स्कूल में पढ़ने से बच्चों की बदली पहचान
– एक किलोमीटर दूर सरकारी स्कूल में नामांकित 4 दर्जन से ज्यादा छात्र-छात्राओं को समाज मनोरंजन वर्कर्स के बच्चे के तौर पर जानता था जहां बच्चों के आयेदिन भेदभाव के साथ ताना भी सुनना पड़ता था।
– लेकिन अब इन बच्चों की पहचान आशा सामाजिक शिक्षण केन्द्र में एक छात्र के रूप में बन चुकी है।
– राठौर बताते हैं, इसी वर्ष अप्रैल में वंचित समुदायों के बीच पतराई, वेलखरा, विल्लोकुंड, छातों गाँव में आशा सामाजिक शिक्षण केन्द्र स्कूल की स्थापना की गई थी। जहां लगभग 250 से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे है।
– संविधान से लेकर योग और नैतिकता की शिक्षा दी जाती है।
– आशा ट्रस्ट इन स्कूलों को बिना किसी सरकारी मदद के चला रही है।
– इस वजह से कई बार महेंद्र राठौर को भी समाज के तानों का सामना करना पड़ा। मंगलवार को वाराणसी से पधारे सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने रस्तोगिया गाँव के उपेक्षित वर्ग के बच्चों को किताब, कापी, पेंसिल भेंट कर इस विशेष स्कूल का उद्घाटन किया, इसके पहले वाराणसी की देव एक्शल फ़ाउंडेशन के प्रमुख विनय सिंह ने बच्चों को फ्रूट जूस दिया। इस दौरान महेंद्र राठौर, राजकुमार गुप्ता, विनय सिंह, शिक्षक अमन, अमीनुद्दीन, राजेश कुमार यादव, अमरेश चन्द्र, अभिभावक सागर, सलाउद्दीन, अशरफ़, सैय्यद, सलमान, मुन्ना आदि लोग उपस्थित थे।
● राजकुमार गुप्ता