रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल
सुशांत ने रुलाया तो कोरोना ने जडवाए सिनेमाघरों में ताले
राकेश कुमार अग्रवाल
भारत में सिनेमा मनोरंजन का सबसे सशक्त माध्यम माना जाता है . कोरोना वायरस ने जिस तरह तमाम क्षेत्रों को तबाह किया कमोवेश उसकी मार से सिने इंडस्ट्री भी बच न सकी . एक ओर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर ने सिनेप्रेमियों को झकझोर डाला तो सिने जगत से जुडे लोगों के ड्रग्स , गांजा व नशे में लिप्त रहने की खबरों ने सिने प्रेमियों को आहत भी किया . सबसे बडा झटका कोरोना ने दिया जिसके चलते लाॅकडाउन होते ही सिनेमाघरों में भी ताले जड गए . जिस कारण एक दर्जन से अधिक बडे बजट की मेगा फिल्मों का प्रदर्शन इस साल नहीं हो सका .
साल की शुरुआत अजय देवगन , सैफ अली खान स्टारर फिल्म तानाजी – द अनसंग वारियर व मेघना गुलजार की एसिड अटैक सरवाइवर पर दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म छपाक से हुई . तानाजी ने बाॅक्स आफिस पर धूम मचाई तो छपाक फिल्म ने दर्शक तो नहीं लेकिन चर्चा जरूर बटोरी . स्ट्रीट डांसर , पंगा मलंग , भूत – द हांटेड शिप फिल्में बाॅक्स आफिस पर कोई कमाल नहीं दिखा सकीं . बागी 3 कलेक्शन के मामले में थोडा बेहतर रही . विधु विनोद चोपडा की कश्मीरी पंडितों को आतंकवाद व अलगाववाद के कारण कश्मीर से भगाए जाने वाले गंभीर मुद्दे वाली फिल्म शिकारा लव स्टोरी बन कर रह गई . इसलिए फिल्म पर्दे पर भी कोई कमाल न कर सकी . इरफान खान की हिट फिल्म हिंदी मीडियम के बाद आई उनकी अगली फिल्म अंग्रेजी मीडियम लचर कहानी व कमजोर पटकथा के कारण फुस्स पटाखा साबित हुई . इरफान खान जैसा अभिनेता भी फिल्म में कुछ खास न कर सका .
कोरोना वायरस का प्रकोप धीरे धीरे बढता जा रहा था . कोरोना को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने पूरे देश में लाॅकडाउन लगा दिया था जिस कारण सिनेमाघरों को भी बंद कर दिया गया . सिनेमाघरों को बंद करने के कारण सूर्यवंशी , राधे , कुली नंबर वन , 83 , थलावी , हंगामा 2 , भुज , जर्सी , सरदार ऊधम सिंह , पृथ्वीराज चौहान , लाल सिंह चड्ढा , बच्चन पांडे , शमसेरा , मुम्बई सागा , भूलभुलैया 2 , गंगूबाई काठियावाडी , द गर्ल ऑन द ट्रेन , गुलाबो सिताबो , इंदु की जवानी , खाली पीली , गुंजन सक्सेना जैसी फिल्मों की रिलीज अधर में लटक गई . दर्जनों फिल्में जिनकी शूटिंग अंतिम चरण में थी, की शूटिंग रुक गई . बडे परदे पर पाॅपकार्न व कोल्ड ड्रिंक के साथ फिल्म देखने का आनंद लेने वाले दर्शकों से मनोरंजन का माध्यम भी छिन गया था .
गौरतलब है कि देश में सभी भाषाओं की मिलाकर प्रतिवर्ष लगभग 1600 फिल्में बनती हैं . 2016 तक देश में 6000 सिंगलप्लेक्स व 2100 मल्टीप्लेक्स स्क्रीन थे . 2013 में भारत सालाना फिल्म निर्माण में दुनिया में पहले स्थान पर था . 2012 में भारत में 1602 फिल्मों का निर्माण हुआ था . 2011 में भारत में 3.5 बिलियन से अधिक टिकट बेचे गए जो कि हाॅलीवुड द्वारा बेचे गए टिकट से 9 लाख अधिक थे . आज भारतीय फिल्मों का बाजार विश्व व्यापी है . भारतीय फिल्मों का प्रदर्शन 90 से ज्यादा देशों में हो रहा है .
कोरोना काल में मनोरंजन की जिम्मेदारी संभाली दूरदर्शन ने . दूरदर्शन ने अपने पुराने सदाबहार धारावाहिकों को वापस निकालकर उन्हें कोरोना काल में दर्शकों के समक्ष परोसा . उसने रामायण , महाभारत , श्री कृष्णा जैसे धारावाहिकों को पुनर्प्रसारण कर उनकी लोकप्रियता को भुनाया . इस बहाने नई पीढी भी पुराने धारावाहिकों से जुडी . ये धारावाहिक बडे चाव से देखे गए .
इसी लाॅकडाउन के दौरान तमाम ऐसी घटनायें भी इंतजार कर रही थीं जिन्होंने सभी को हिला दिया . बालीवुड और हालीवुड के जाने माने अभिनेता इरफान जो न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर से जूझ रहे थे महज 53 वर्ष की उम्र में 29 अप्रैल को उनका निधन हो गया . दर्जनों शानदार फिल्में देने वाले इरफान की मौत के सदमे से लोग उबर भी न पाए थे कि सदाबहार अभिनेता ऋषि कपूर का अगले दिन कैंसर से निधन हो गया . फिर तो जैसे मौतों का सिलसिला ही चल निकला . गीतकार योगेश , कामेडियन मोहित बघेल , टीवी एक्टर मनप्रीत ग्रेवाल , शाहरुख खान के दोस्त और उनकी रेड चिलीज इंटरटैनमेंट के अभिजीत , कहानी घर घर की फेम सचिन कुमार , आमिर खान के असिस्टेंट अमोस कुमार , पीके और राॅक ऑन में काम करने वाले साई गुंडेवर , टीवी कलाकार शफीक अंसारी का कैंसर से निधन हो गया .
दबंग , राउडी राठौड , वांटेड , तेरी मेरी कहानी व पार्टनर जैसी फिल्मों में संगीत देने वाले संगीतकार साजिद वाजिद की जोडी के वाजिद अली के एक जून को हुए आकस्मिक निधन ने सभी को चौंका दिया . इसके दो दिन बाद रजनीगंधा , छोटी सी बात , बातों बातों में , चितचोर , खट्टा मीठा , एक रुका हुआ फैसला , चमेली की शादी जैसी फिल्मों के मशहूर फिल्मकार 93 वर्षीय वासु चटर्जी का निधन हो गया . सिने इंडस्ट्री इन मौतों की खबरों से उबर भी न पाई थी कि 14 जून को मुम्बई से आई एक खबर ने सिने प्रेमियों ही नहीं पूरे देश को हिला दिया . खबर थी कि युवा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या कर ली है. 34 वर्षीय सुशांत राजपूत मेधावी स्टूडेंट रहे हैं . उन्होंने पवित्र रिश्ता , किस देश में है मेरा दिल , जरा नच के दिखा जैसे टीवी सीरियलों के अलावा काई पो चे , शुद्ध देशी रोमांस , एम एस धोनी अनटोल्ड एम एस धोनी पर बनी उनकी बायोपिक , केदारनाथ , राबता व छिछोरे जैसी फिल्मों में काम किया था . सुशांत की मौत के बाद तो जैसे टीवी चैनलों को मसाला मिल गया . विभिन्न टीवी चैनलों ने रिपोर्टिंग में नए नए किस्से गढे . नेपोटिज्म से लेकर ड्रग्स तक यह मामला जा पहुंचा . विभिन्न जांच एजेंसियां छानबीन में जुटीं . तमाम आरोप प्रत्योरोपों के बीच सुशांत की मौत बिहार बनाम महाराष्ट्र बन गई . दोनों सरकारों की नूराकुश्ती के बीच केन्द्र सरकार ने सुशांत की मौत की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी . इस पूरे प्रकरण में सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती को मीडिया ने जमकर लपेटे में लिया . आखिरकार एनसीबी ने रिया और उसके भाई को गांजा रखने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया . रिया की गिरफ्तारी के बाद तमाम चर्चित अभिनेता , अभिनेत्रियों को भी एनसीबी ने गांजा , ड्रग्स और नशीली वस्तुओं को लेकर छानबीन और पूछताछ के लिए बुलाया .
फिल्म अभिनेत्री कंगना रानौत भी इस साल मीडिया में छाई रहीं . सुशांत की मौत पर उन्होंने बालीवुड की जमकर खबर ली . और तो और वे महाराष्ट्र सरकार से भी भिड गईं . बीएमसी ने अवैध निर्माण का आरोप लगाकर उनके बंगले में तोड फोड कर डाली . मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा लेकिन कंगना महाराष्ट्र सरकार के समक्ष झुकी नहीं बल्कि बेबाकी से पंगा लेती रहीं .
सुशांत की अंतिम फिल्म दिल बेचारा को ओटीटी पर खूब देखा गया . तमाम बंधनों के साथ सिनेमाघरों को साल के अंत के पहले जरूर खोल दिया गया है लेकिन बडे बैनर की चर्चित फिल्में न होने से सिनेमाघरों की रौनक गायब हो गई है . अलबत्ता फिल्मों की शूटिंग फिर से शुरु हो गई है . सिनेमाघरों और दर्शकों को इंतजार है सूर्यवंशी , 83 , राधे , थलावी, जर्सी , भुज , लाल सिंह चड्ढा व सरदार ऊधम सिंह जैसी फिल्मों का शायद तभी सिनेमाघर गुलजार हो सकेंगे .