कोरोना ने तोड़ी पर्यटन उद्योग की कमर
रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल
पर्यटन केवल तफरीह या सैर सपाटा नहीं मनोरंजन के साथ देश दुनिया को जानने समझने का भी प्रमुख माध्यम है . कहा जाता है कि पढी हुई बातें भले याद रहें या न रहें लेकिन देखी हुई चींजे व स्थान हमेशा याद रहते हैं .
जब एक इंसान एक जगह से दूसरी जगह घूमने की दृष्टि से जाता है तो एक पूरी इंडस्ट्री सक्रिय हो जाती है . आवागमन , ठहरना , खानपान , खरीदारी , टैक्सी , टूरिस्ट गाइड सब कुछ इस इंडस्ट्री का हिस्सा हैं . सर्दियों , गर्मियों , नववर्ष , क्रिसमस पर तो यह इंडस्ट्री अपने पूरे शबाब पर होती है .
पर्यटन को देशी व विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम माना जाता है . हवाई सेवा , होटल इंडस्ट्री , टूरिस्ट गाइड , वीजा ऑन अराइवल , फाॅरेन करेंसी एक्सचेंज व ट्रैवल एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले पैकेज टूर्स ने पर्यटन उद्योग को जैसे पंख लगा दिए थे . लेकिन कोरोना वायरस के विश्वव्यापी कहर और चीन से लेकर यूरोप व एशिया महाद्वीप के तमाम देशों में लगाए गए लाॅकडाउन व मौतों के लगातार बढ रहे मामलों ने पर्यटन उद्योग की रीढ ही तोड डाली है . विदेशी हवाई सेवाओं के आवागमन पर रोक लगने व घरेलू ट्रेन सेवाओं के सीमित संचालन ने लोगों को जकडकर उनके घर और शहर तक सीमित कर दिया . स्टे होम की अवधारणा सही मायने में पर्यटन उद्योग ने निभाई है .
गौरतलब है कि तमाम विविधताओं व खूबियों के बावजूद विश्व पर्यटन मानचित्र में अभी भी भारत बहुत पीछे है . अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन के मामले में भारत का 23 वां स्थान है . विश्व पर्यटन में भारत की हिस्सेदारी 1.23 फीसदी है. 1.6 की वार्षिक वृद्धि दर से भारत में पर्यटन उद्योग बढ रहा था . 2019 में भारत में 10.93 मिलियन विदेशी पर्यटकों का भारत आगमन हुआ . विदेश भ्रमण के लिए भारतवासी भी बढ चढकर भागीदारी करने लगे हैं . 6, 422,985 भारतीयों ने घूमने के लिए विदेशों का रुख किया . ज्यादातर भारतीय संयुक्त अरब अमीरात , अरब व अमेरिका जाना पसंद करते हैं . पर्यटन को देश में सेवा उद्योग का हिस्सा माना जाता है . देश की कुल जीडीपी में पर्यटन की हिस्सेदारी 6.23 फीसदी है जबकि कुल रोजगार सृजित करने में पर्यटन उद्योग की भागीदारी 8.78 फीसदी है . 2008 में पर्यटन से प्राप्त होने वाली आय जहां 100 बिलियन यूएस डाॅलर थी . 9.4 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2018 में बढकर 275.5 बिलियन यूएस डाॅलर पर जा पहुंची थी . पर्यटन की दृष्टि से दुनिया के टाॅप फाइव देशों में फ्रांस , स्पेन , अमेरिका , चीन व इटली में सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं . जहां तक पर्यटकों के पसंदीदा शहरों का सवाल है लंदन , बैंकाक , पेरिस , सिंगापुर , हांगकांग , न्यूयार्क , दुबई , रोम , सियोल व बार्सिलोना में सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं .
अतुल्य भारत जैसे अभियानों व यूनेस्को द्वारा देश की तमाम धरोहरों को विश्व विरासत स्थलों में शामिल करने से भारत में पर्यटन धीरे धीरे ही सही प्रगति पर था . 4721978 पर्यटकों के साथ तमिलनाडु देश में पहले स्थान पर रहा जबकि महाराष्ट्र 4670049 पर्यटकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा . 3156812 पर्यटकों के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे एवं 2520087 पर्यटकों की अगवानी कर दिल्ली चौथे स्थान पर रहा .
देश के सैकडों ऐसे पर्यटक स्थल हैं जहां की आजीविका व अर्थव्यवस्था पर्यटन पर जुडी हुई है . धार्मिक व आध्यात्मिक नगरी बनारस के टूरिज्म इंडस्ट्री से जुडे राहुल मेहता के अनुसार बनारस में हर साल 3.5 लाख विदेशी एवं 60 लाख घरेलू पर्यटक आते रहे हैं . कोरोना के कारण बनारस का पर्यटन व्यवसाय तबाह हो गया . बनारस को कम से कम 3000 करोड रुपए की चपत इस कोरोना की वजह से लगी है . राहुल मेहता तो सरकार से प्रोत्साहन पैकेज की मांग कर रहे हैं ताकि कुछ भरपाई हो सके . पूर्वोत्तर भारत हो , गोवा , हिमाचल या जम्मू कश्मीर सभी जगह की अर्थव्यवस्था का मूल आधार पर्यटकों की आवक है . पूर्वोत्तर भारत , हिमांचल , जम्मू कश्मीर आदि राज्यों में टूरिस्ट सीजन की कमाई से लोग साल भर का इंतजाम करते रहे हैं लेकिन मार्च में ही लाॅकडाउन लग जाने से इस बार पर्यटन व्यवसाय व इस इंडस्ट्री से जुडे लोगों के लिए यह साल सबसे बुरा बीता . टूर ट्रेवल्स , होटल, रेस्तरां , गाइड , हैंडीक्रीफ्ट आइटम विक्रेता , टैक्सी संचालक सभी के लिए यह साल जिंदगी में न भूलने वाला साल बन गया . इस उद्योग से जुडे लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं . जिन्हें पीक सीजन में फुरसत नहीं होती थी वे नौ माह से तन्हा बैठे हैं . गनीमत यह रही है कि कुछ होटल व्यवसायियों ने सूझबूझ से काम लेते हुए विवाह के सीजन में शानदार ऑफर व अपनी हास्पिटिलिटी की साख के बल पर वैवाहिक अरेंजमेंट कर कुछ भरपाई करने की कोशिश जरूर की है .
अभी तक न तो रेलवे ने अपनी सेवायें सुचारू की हैं न ही इंटरनेशनल फ्लाइट शुरु हुई है . पश्चिमी देशों में कोरोना का कहर जारी है . कोरोना वैक्सीन आने के बाद भी हालात शीघ्र सामान्य हो जाएंगे इसकी सम्भावना न के बराबर है . ऐसे में 2020 ही नहीं 2021 में भी विदेशी पर्यटकों से विदेशी मुद्रा अर्जित करने व टूरिज्म इंडस्ट्री को बूम मिलने की संभावना न के बराबर है . यदि कोरोना को लेकर स्थितियाँ ज्यादा पैनिक न रहीं तो 2021 में डाॅमेस्टिक टूरिस्ट जरूर थमी अर्थव्यवस्था व तबाह टूरिज्म इंडस्ट्री को संजीवनी दे सकता है .