रिपोर्ट- सुधीर त्रिवेदी
बाँदा—-कोरोना महामारी ने आज अपनो को अपनों से दूर कर दिया है। जहां किसी भी मुसीबत में एक इंसान दूसरे इंसान की मदद करने के लिए अपने हाथ बढ़ाये खड़ा रहता था लेकिन आज ये आलम है कि लोग एक दूसरे को छूना तक नही चाहते क्योकि अगर छुएंगे तो उन्हें भी इस महामारी का खतरा है। इतना ही नहीं इस महामारी की आड़ में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इतनी मनमानी की जा रही है कि तीमारदार अपने मरीजों के इलाज के लिए घंटों जद्दोजहद करते हैं इस जद्दोजहद में कुछ की जिंदगी बच जाती है तो कुछ लोग अपने मरीज को खो देते हैं। ऐसा ही एक मामला आज बाँदा के जिला अस्पताल से सामने आया है जहां स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते हुए एक अधेड़ ने दम तोड़ दिया। इतना ही नहीं उस अधेड की मौत के बाद जब उसके परिजनों ने उसका शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस को फोन किया तो एम्बुलेंस भी मुहैया नही हो पाई । जिसकी वजह से अस्पताल के दरवाजे पर ही शव घंटों तक पड़ा रहा लेकिन स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन ने उसके लिए कोई इंतजाम नहीं किया।
आपको बता दें पूरा मामला बाँदा जिला अस्पताल का है जहां एक मरीज का मृत शरीर घंटों अस्पताल के दरवाजे पर ही पड़ा रहा जिसमे अस्पताल प्रशासन व जिला प्रशासन ने उसकी किसी भी प्रकार की मदद नही की ।मृतक अधेड़ का परिवार बदौसा थाना क्षेत्र के हटेहटा गांव का रहने वाला है आज सुबह अचानक अधेड़ को उल्टियां आना शुरू हो गई जिसके चलते उसे तत्काल अतर्रा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से उसे बाँदा जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। वही मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि जिला अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के चलते ही हमारे मरीज की मौत हुई है। इसके बाद उसे तुरंत बाहर निकाल दिया गया । जब हमने जिला अस्पताल के डॉक्टरों से कहाँ की अब हम इन्हें कहाँ ले जाये तो उनका कहना था कि एम्बुलेंस को फोन करो और ले जाओ। हम लोग घंटों एम्बुलेंस को फोन करते रहे लेकिन कोई नहीं आया जिसकी वजह से हम लोग अस्पताल के दरवाजे पर रख कर वाहन का इंतजार कर रहे हैं। सुबह 12 बजे से अभी तक न तो अस्पताल के किसी कर्मचारी ने हमारी मदद की और न नही किसी प्रशासन के अधिकारी ने जबकि इस विषय में सभी को जानकारी दे दी गई थी। वहीं दूसरी तरफ बाँदा कांग्रेस महिला जिला अध्यक्ष सीमा खान भी अपना इलाज करा कर बाहर निकल रहीं थीं तो उन्होंने बताया कि इनकी मेरे सामने ही मौत हुई है इसमे जिला अस्पताल के डॉक्टरों की पूरी लापरवाही है और यहाँ पर अस्पताल के दरवाजे पर घंटो से शव पड़ा हुआ है इसको लेकर यहां के अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि जिस तरह से महामारी कोरोना का कहर जारी है और उस पर अस्पताल के दरवाजे पर घंटो से पड़ा यह शव कहीं न कहीं बीमारियों को दावत दी रहा है लेकिन चाहे वो जिला प्रशासन हो या फिर स्वास्थ्य विभाग दोनों ही अपनी लापरवाही दरसा रहे हैं।
बाईट-विजय(मृतक परिजन)
बाईट-सीमा खान(महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष)