सलोन (रायबरेली) । सूबे में महिलाओं पर हो रही हिंसात्मक घटनाओं के बाद जहाँ कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होने लगा है।तो वही सलोन कोतवाली में तैनात एक दरोगा इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा देने के लिए देर शाम चेकिंग के नाम पर महिलाओ से ना सिर्फ अभद्रता करता है।बल्कि गाड़ी सीज करने के नाम पर गाड़ी कोतवाली के बजाय अपने आवास पर खड़ी करवाता है।दरोगा का इस तरह का कारनामा अब सलोन पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका है।लेकिन खाकी के गुमान में चूर दरोगा से खुद खाकी ही परेशान है।जानकारी के मुताबिक सलोन कोतवाली में तैनात एक दरोगा चेकिंग के नाम पर ना सिर्फ लोगो को प्रताड़ित करते है।बल्कि पुलिस और पब्लिक के बीच खाकी की नजदीकियों में दूरियां बढ़ाने में कोई कोर कसर नही छोड़ते।इनके इसी कारनामे से खुद कोतवाली पुलिस डीपप्रेशन मामला चल रही है।मामला सलोन कोतवाली क्षेत्र के रग्घूपुर गांव में रहने वाली महिला का है।सोमवार को शाम महिला अपने पुत्र को साथ लेकर स्कूटी से बसन्तगंज किसी काम से जा रही थी।तभी तेरहव गांव के समीप चेकिंग लगाए दरोगा शुभम सिंह यादव ने महिला की स्कूटी रुकवाई।और गाड़ी के कागजात दिखाने की बात कही गयी।लेकिन महिला की गाड़ी के कागजात में कमी दिखाकर उसकी स्कूटी को सीज कर महिला को कोतवाली जाने को कहा।इस दौरान लगभग तीन किलो मीटर पैदल चल कर महिला थाने अपनी स्कूटी छुड़वाने पहुची।लेकिन थाने में उसकी गाड़ी नही मिली।इस बीच महिला को पता चला कि दरोगा द्वारा उसकी स्कूटी अपने आवास पर खड़ी की गई है।लगभग दो घण्टे तक कोतवाली पुलिस और दरोगा शुभम सिंह यादव के बीच महिला की गाड़ी छोड़ने को लेकर हाई वोल्टेज ड्रामा चला।और रात करीब साढ़े नौ बजे महिला का पांच सौ रुपये का सम्मन शुल्क काट कर पुलिस ने महिला की स्कूटी दे दी।रायबरेली जनपद में कोई ना कोई महिला आये दिन किसी घटना का शिकार हो रही है।लेकिन इतना सब कुछ जानते हुए किसी महिला की गाड़ी देर शाम सीज करने का क्या मतलब था।हालांकि इस सम्बंध में एसआई शुभम सिंह यादव ने कहा कि महिला की स्कूटी पर एक युवक था।जिसकी गाड़ी को सीज कर आवास भेज दिया गया था।जो आवास सरकारी है। और कोतवाली परिसर में है। प्राईवेट आवास नही है।कुछ देर बाद पांच सौ रुपये सम्मन शुल्क काटकर गाड़ी को छोड़ दिया ।
प्रदीप गुप्ता रिपोर्ट