आखिर क्यों हो रहा भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार

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रायबरेली। भाजपा नेताओं द्वारा की जा रही भाजपा पदाधिकारियों और उनके परिवार की उपेक्षा चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं। विदित हो कि हाल ही में बीती 4 मार्च को भारतीय जनता पार्टी के एक निष्ठावान एवं पार्टी के प्रति समर्पित रहने वाले 44 वर्षीय बैंती बूथ अध्यक्ष कौशल किशोर रावत की हृदय गति रुकने से उनका आकस्मिक निधन हो गया था। जिनके निधन की खबर सुनकर समूचे बैंती गांव में कोहराम मच गया था। परिजनों का अभी भी रो-रोकर बुरा हाल है। कौशल किशोर रावत के आकस्मिक निधन से गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। जिनके निधन से उनकी 3 बेटियों के सिर से पिता का साया उठ गया है। विडम्बना है कि भारतीय जनता पार्टी के जिस दिवंगत सच्चे सिपाही कौशल किशोर रावत व उनके  छोटे भाई कमल किशोर रावत जो वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी के शिवगढ़ भाजपा मंडल उपाध्यक्ष हैं। दोनों भाइयों ने भाजपा के सदस्यता अभियान से लेकर वर्तमान क्षेत्रीय भाजपा विधायक रामनरेश रावत व भाजपा से लोकसभा प्रत्याशी रहे दिनेश प्रताप सिंह के चुनाव प्रचार में तन मन धन से एड़ी से चोटी तक जोर लगा दिया। किंतु अफसोस इस बात का है कि शिवगढ़ भाजपा मण्डल उपाध्यक्ष कमल किशोर रावत के बड़े भाई कौशल किशोर रावत के हृदय विदारक निधन पर क्षेत्रीय भाजपा नेताओं को छोड़कर न ही भाजपा विधायक रामनरेश रावत और न ही विधानसभा स्तरीय कोई भाजपा नेता दिवंगत कौशल किशोर रावत के परिवार को ढाढ़स बंधाने पहुंचा। क्षेत्र के लोगों एवं पीड़ित शोकाकुल परिवार का कहना है कि मंच पर तो भाजपा नेता कार्यकर्ताओं के मान सम्मान और स्वाभिमान एवं हर सुख दुख में साथ खड़े रहने की बातें तो बड़ी बड़ी करते हैं किंतु हकीकत कुछ और है। यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पूर्व भी 2 वर्ष पूर्व बैंती ही गांव के रहने वाले देवराज रावत के निधन पर भी न ही क्षेत्रीय विधायक रामनरेश रावत और ना ही कोई भाजपा नेता उनकी पत्नी और बेटी को सांत्वना देने पहुंचा था जबकि देवराज रावत ने विधानसभा चुनाव में विधायक रामनरेश रावत के चुनाव प्रचार प्रसार में एड़ी से चोटी का जोर लगा दिया था। क्षेत्र के लोगों एवं पीड़ित परिजनों ने भाजपा नेताओं पर कार्यकर्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। क्षेत्र के लोगों ने तंज कसते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं के साथ आखिर सौतेला व्यवहार क्यों ?

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