रायबरेली
लाकडाउन खुलने के बाद तहसील में छोटे स्टांप पेपरों की कमी से लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।लोगों को स्टांप पेपर की अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है या फिर जरुरत से बड़े स्टांप पेपर लेने पड़ रहे हैं।वहीं प्रशासन ने स्टांप पेपर की कमी दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।इससे रोजाना ही सैकडों लोगों की जेब को चूना लग रहा है।
गौरतलब है कि लोगों को ज्यादातर 10, 20, 50 व 100 रुपये वाले स्टांप पेपरों की जरुरत शपथपत्र, इकरारनामों, गाड़ियों की खरीद फरोख्त सहित तलाकनामा आदि कामों मे पड़ती है। लेकिन लाकडाउन के बाद अनलाक में छोटे स्टांप पेपरों की कमी आमजन की जेब पर भारी पड़ रही है। स्टांप पेपर की कमी के चलते लोगों को या तो स्टांप पेपर मंहंगे दामों पर मिल रहे हैं या फिर जरुरत से अधिक कीमत के स्टांप पेपर खरीदने पड़ रहे हैं। तहसील में 13 स्टांप वेंडर्स हैं। इनमें कुछ स्टांप वेंडर्स ने स्टांप पेपर का स्टाक जमा कर रखा है। जो लोगों को निर्धारित मूल्य से ज्यादा कीमत पर स्टांप पेपर बेच रहे हैं। इस बावत तहसीलदार विनोद कुमार सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि अधिवक्ताओं के माध्यम से ऐसी जानकारी आई है, जांच कर तय से अधिक कीमत वसूलने वाले स्टांप वेंडर्स पर कार्यवाही की जाएगी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
कोरोना के चलते मांग की अपेक्षा 50 फीसदी ही स्टांप पेपर मिले हैं। पुन: रिमाइंडर भेजा गया है। जल्द ही स्टांप पेपरो की कमी दूर की जाएगी।
जितेंद्र सिंह
वरिष्ठ कोषाधिकारी, रायबरेली।
अनुज मौर्य ,एडवोकेट अशोक यादव रिपोर्ट