● हाईवे धंसा, किसी भी समय हो सकता है बड़ा हादसा
● पुलिस की सतर्कता के चलते बड़ा हादसा टला
हरिओम मिश्रा
शिवगढ़(रायबरेली) शिवगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत बांदा- बहराइच हाईवे पर स्थित तरौजा गांव के पास शनिवार की रात करीब 11:50 पर आगे पीछे चल रहे 3 ट्रेलरों में बीच में चल रहे ट्रेलर से सबसे पीछे चल रहा ट्रेलर जा भिड़ा जिससे पीछे चल रहे ट्रेलर के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गए। जिसकी चपेट में आकर ट्रेलर चालक सतनाम निवासी लखीमपुर खीरी मामूली रूप से जख्मी हो गया। ग्रामीणों की सूचना पर आनन-फानन में मय फोर्स के पहुंचे शिवगढ़ थाना अध्यक्ष राकेश सिंह ने घायल चालक को एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवगढ़ पहुंचाया। जहां इलाज के पश्चात रविवार की प्रात: ट्रेलर चालक सतनाम को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
विदित हो कि ट्रेलर हैदरगढ़ से कबरई गिट्टी लादने जा रहे थे तभी बीच में चल रहे ट्रेलर में अचानक ब्रेक लगने चलते पीछे चल रहा ट्रेलर बीच में चले ट्रेलर से जा भिड़ा। घायल ट्रेलर चालक सतनाम ने बताया कि उसने ब्रेक ली किंतु गाड़ी नहीं रुकी। ट्रेलर पाली शाहाबाद बरेली के बताए जा रहे हैं। वहीं हाईवे पर ट्रेलर खड़ा होने के चलते आधा हाईवे जाम हो गया। जिसके चलते आधे हाईवे से गुजर रहे बड़े वाहनों से हाईवे धस गया है, किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। हादसे के बाद आवागमन अवरुद्ध होने के चलते रात में बड़ा हादसा हो सकता था किंतु शिवगढ़ पुलिस की सतर्कता के चलते कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। मय फोर्स के मौके पर मौजूद शिवगढ़ थानाध्यक्ष राकेश सिंह पूर्ण रूप से आवागमन बहाल कराने में जुटे हुए हैं।
6 वर्ष बाद भी नहीं हुई हाईवे की पटरियों की भराई
विदित हो कि बांदा-बहराइच हाईवे का निर्माण 2013-14 में हुआ था। हाईवे को बने हुए 6 वर्ष बीत गए हैं किंतु अभी तक ना ही कार्यदाई संस्था ने हाईवे की पटरियों को भराना मुनासिब समझा और ना ही शासन और सत्तापक्ष से जुड़े लोगों ने इसकी सुध ली। यदि हाईवे की पटरी भरी होती तो आज हाईवे न धंसता। क्षेत्र के लोगों की माने तो बांदा- बहराइच हाईवे की पटरियों की भराई ना होने के चलते अब तक दर्जनों मोटरसाइकिल और साइकिल सवार अपनी जान गवा चुके हैं। जिससे कार्यदाई संस्था और शासन ने सबक लेना मुनासिब नहीं समझा। आलम यह है कि दो बड़े वाहनों की साथ गुजरने पर साइकिल और मोटरसाइकिल सवारों की जान पर आ जाती है, जरा सा बैलेंस खराब पर राहगीर हादसे का शिकार होकर काल के गाल में समा जाते हैं।