बांदा। चित्रकूट धाम मण्डल के मंडलायुक्त आर0पी0सिंह ने आज जनपद बांदा के विकास खण्ड बड़ोखर खुर्द के ग्राम पंचायत पल्हरी में उपकेन्द्र पर आयोजित ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस, गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल एवं दुलार कार्यक्रम का पर्यवेक्षण यूनिसेफ टीम के साथ किया।
आयुक्त के ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस के निरीक्षण के दौरान सत्र पर ए.एन.एम., आशा, आंगनवाड़ी तथा हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर में सी.एच.ओ. उपस्थित मिली। सत्र पर उपलब्ध उपकरण आयुक्त द्वारा देखा गया।
जिसमें उन्होंने स्वयं ए.एन.एम. से अपने वजन की जांच, हीमोग्लोबिन की जांच, ब्लड शुगर की जांच एवं बी0पी0 की जांच कराया, जिसमें से वह केवल अपने वजन की जांच से संतुष्ट हुए।
सत्र पर आए हुए 3 धात्री महिलाओं के मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड की जांच की गई, जिसके अनुसार किसी भी महिला की 4 प्रसव पूर्व जांच नहीं की गई थी तथा एक नवजात बच्चे को कोई भी टीका (जन्म खुराक) नहीं दी गई थी। जांच के दौरान 16 मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड आशा के पास मिले, जो कि लाभार्थी के पास होना चाहिए।
सत्र पर बच्चों को दी जाने वाली मल्टीविटामिन (वायल) एवं गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली कैल्शियम टेबलेट मानक के अनुरूप न पाये जाने पर प्र0 चिकित्सा अधिकारी एवं ए.एन.एम. से स्पष्टीकरण मांगने का आदेश दिये। सत्र स्थल पर किसी भी ब्लॉक एवं जनपद स्तर से पर्यवेक्षण नहीं किया जाना पाया गया।
आंगनवाड़ी किरण निगम द्वारा बच्चों के शारीरिक विकास निगरानी हेतु विकसित मोबाइल एप पोषण टैंकर में प्रविष्टि किया जाना पाया गया, आंगनवाड़ी के पास में स्टेडियोमीटर यानी ऊंचाई लेने का कोई यंत्र नहीं था।
2 साल से छोटे बच्चों का वजन लेने का साल्टर मशीन नहीं थी, ए.एन.एम. के पास आॅटो डिस्पेंसर वाला आयरन सिरप भी नहीं मिला। कम्युनिटी मैनेजमेंट से संबंधित सैम बच्चों की दवा सत्र स्थल पर उपलब्ध नहीं पायी गयी।
ए.एन.एम. के पास स्टेडियोमीटर था, पर उसमें हेडपीस नहीं था, जिसके परिणाम स्वरूप ऊंचाई नहीं जाँची जा सकती थी, इसलिए एच.आर.पी. महिलाओं का चिन्हीकरण नहीं किया जा सका।
आयुक्त द्वारा गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल में दी जाने सेवाओं जैसे बच्चें का वजन, तापमान, के.एम.सी., कम्बल में लपेटने का तरिका, बच्चें एवं माँ के खतरे के लक्षण के बारे में लाभार्थी से पुछा गया, जिसमें लाभार्थी द्वारा यह बताया गया है कि एक बार बच्चें का वजन एवं तापमान आशा द्वारा लिया गया है, परन्तु अन्य जानकारी आशा द्वारा लााभार्थी को नहीं दी गई है।
मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड में गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल कार्यक्रम सम्बन्धित कोई भी जानकारी नही भरी जा रही है। कार्यक्रम सम्बन्धित आशा का ज्ञान कौशल में कमी पाई गई, जिसे और बढ़ाने के निर्देश दिये तथा लाभार्थी का जन्म प्रमाण पत्र भी बनाये जानेे के निर्देश दिये।
महिला प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना की भी लाभार्थी है, परन्तु अभी तक महिला को योजना की कोई किश्त प्राप्त नही होने पर आयुक्त ने योजना का लाभ तत्काल दिलाये जाने के निर्देश दिये।
उन्होंने दुलार कार्यक्रम के संबंध में लाभार्थियों को आंगनबाडी द्वारा जानकारी नही दिये जाने पर उसके विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के साथ लाभार्थियों को जानकारी देकर कार्यक्रम से जोडने के निर्देश दिये।
रिपोर्ट- सुधीर त्रिवेदी