आरटीई एडमीशन के नाम पर स्कूलों में वसूली का आरोप

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आरटीई में हो रही शुल्क वसूली, अभिभावकों ने सीएम योगी से की शिकायत

वाराणसी। राजातालाब, राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत पहले चरण में जनपद के विभिन्न निजी स्कूलों में अब तक लगभग 5000 से अधिक बच्चों का दाखिला मुफ्त हो चुका है।

निजी स्कूलों को इन बच्चों से कोई शुल्क न लेने का निर्देश है। इसके बावजूद कई विद्यालय इन बच्चों के अभिभावकों से विभिन्न मदों में शुल्क वसूल रहे हैं। कुछ अभिभावकों ने इसकी शिकायत बीईओ से भी की है।

बीईओ ने ऐसे विद्यालयों से सप्ताहभर के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है। अन्यथा उनके खिलाफ आरटीई एक्ट के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

ग़ौरतलब हो कि निःशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार-2009 के तहत निजी स्कूलों में कक्षा-एक के सीट के सापेक्ष 25 फीसद मुफ्त दाखिला अलाभित समूह व दुर्बल आय वर्ग के बच्चों को देने का प्रावधान है।

निजी विद्यालयों को शासन प्रतिछात्र 450 रुपये प्रतिमाह की दर से शुल्क प्रतिपूर्ति देता है। वहीं अभिभावकों को बच्चों की किताब- कापी व ड्रेस के लिए 5000 रुपये सालाना देता है।

इसके बावजूद कई विद्यालयों में ऐसे बच्चों के अभिभावकों से विभिन्न मदों में शुल्क की मांग की जा रही है। इसके पीछे विद्यालयों का तर्क है कि उन्हें शासन से विगत तीन साल से कोई शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिला है।

आरटीई के तहत नि:शुल्क दाख़िला प्राप्त राजातालाब निवासी बच्चे रूबल सोनकर के अभिभावक किशन सोनकर से रिएडमिशन यानी अगले कक्षा 6 में प्रवेश के लिए दीपापुर स्थित सृजन पब्लिक स्कूल द्वारा 5 हज़ार रुपए लिए जाने का मामला सामने आया है।

शिकायत पर इन निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग द्वारा नोटिस दिया जाएगा। इसी तरह की एक शिकायत लेकर गुरूवार को गार्जियन बीईओ कार्यालय आराजी लाइन पहुंचे।

बताया कि दीपापुर स्थित सृजन पब्लिक स्कूल द्वारा एडमिशन के नाम पर तीन हजार रुपए मांगा जा रहा है। रसीद भी नहीं दिया जा रहा है। बीईओ कार्यालय द्वारा शिकायत की जांच करने का आश्वासन देते हुए अभिभावकों को वापस लौटा दिया गया।

आरोप के मुताबिक, दाखिला के लिए चयनित छात्र के पिता अनिल पटेल व संजीव गुप्ता अपने बच्चे का एडमिशन के लिए उपरोक्त निजी स्कूल पहुंचे, जहां स्कूल प्रिंसिपल अनिल गुप्ता द्वारा सिर्फ मंथली फीस ही माफ करने की बात कहते हुए तीन हजार रुपये एडमिशन फीस मांगी गई।

इसी तरह की शिकायत दूसरे स्कूलों की भी मिली है। पैरंट्स ने इस मामले की शिकायत आईजीआरएस पोर्टल पर सीएम योगी से की है।

इस प्रकरण में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख अजय पटेल ने कहा कि कुछ निजी स्कूल प्रबंधन सरेआम नियमों का उल्लंघन कर छात्र व अभिभावकों का आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं। ट्रस्ट ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की है।

हिमाद्री ट्रस्ट के प्रमुख राजकुमार गुप्ता ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली से बाल आयोग, मुख्यमंत्री सहित शीर्ष अफसरों को डिजिटली अवगत कराया है।

बीईओ बोले

आराजी लाइन के बीईओ ने कहा कि अगर अभिभावक बच्चे के लिए ट्रांसपोर्ट लेते है तो ट्रांसपोर्ट शुल्क के अलावा कोई और शुल्क देने का प्रावधान नहीं है।

आरटीई नोडल अधिकारी की बात

आरटीई नोडल अधिकारी राहुल चतुर्वेदी ने कहा निजी स्कूलों द्वारा आरटीई के तहत नि:शुल्क दाखिला के लिए रुपए की मांग की शिकायतें सामने आने पर संबंधित स्कूलों को नोटिस दिया जाएगा। कुछ स्कूलों द्वारा बच्चों का नि:शुल्क दाखिला भी लिया गया है। शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए शासन को डिमांड भेज दी गई है। ऐसे में यदि कोई विद्यालय आरटीई के तहत दाखिला पाने वाले बच्चों से कोई शुल्क लेता है तो नियमानुसार उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

राजकुमार गुप्ता

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