अनुपयोगी वस्तुओं से बच्चों ने बनाए आकर्षक सजावटी सामान
रिपोर्ट – राकेश कुमार अग्रवाल
कुलपहाड ( महोबा ) । यदि कोई भी व्यक्ति थोडा क्रिएटिव माइंड हो उसके लिए कोई भी वस्तु अनुपयोगी नहीं होती . जिन चीजों को वेस्टेज या कबाड समझकर हम लोग फेक देते हैं कलाकार उन्हीं अनुपयोगी चीजों को नई डिजायन और रंग रूप के साथ आकर्षक सजावटी वस्तु में तब्दील कर देते हैं .
रामरतन भुवनेश कुमार पब्लिक स्कूल द्वारा आयोजित वर्चुअल समर कैम्प के दसवें दिन बच्चों को अनुपयोगी व कबाड की चीजों से कलाकृतियां गढने का टास्क दिया गया . छात्रों ने वेस्ट आइटम से आकर्षक कलाकृतियां गढ सभी को चौंका दिया .
कबाड से सजावटी सामान बनाने की इस एक्टिविटी में प्राइमरी वर्ग से अनुभव पांडे , अनाया सक्सेना , स्पर्श अग्रवाल , अनन्या ठाकुर , आदित्या सिंह राजपूत , अन्वी अग्रवाल , अविका सक्सेना, शैर्य , अविका पांडे , शुभम अग्रवाल , हसन खान , नमन , वेदांश , शिवांश , श्रेयस , अभिनव चौबे , काव्या , म. वारिस , जोया राइन , अस्फिया हुसैन , हामिद हुसैन , आलिया राइन अनुष्का नामदेव , प्रवीन , प्रज्ञा तिवारी , अंशिका राज सिंह , आराध्या गुप्ता ने यू ट्यूब , सोशल , व पेरेन्टस की मदद लेकर लिलिध प्रकार की आकर्षक कलाकृतियां व डेकोरेटिव आइटम बनाकर सभी को प्रसन्नचित्त कर दिया .
इस अवसर पर विद्यालय के डायरेक्टर राकेश कुमार ने छात्रों से कहा कि इस दुनिया में कोई भी चीज अनुपयोगी नहीं है . हर चीज का इस्तेमाल किया जा सकता है बशर्ते हमें उसके बारे में जानकारी हो . चंडीगढ में तो नेकचंद ने कबाड के आइटमों से राॅक गार्डन बना डाला था .जिस पर भारत सरकार ने उन्हे पद्म श्री जैसे नागरिक सम्मान से नवाजा . उन्होंने कहा कि थोडा सा दिमाग , एक आइडिया और कुछ सामानों से यह सब संभव हो जाता है .