लालगंज, रायबरेली। आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना में ‘‘वर्ल्ड हेरीटेज डे‘‘ पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन तकनीकी प्रशिक्षण केन्द्र एवं सेन्ट्रल पार्क में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ आरेडिका के महाप्रबंधक पी. के. मिश्रा एवं पीसीएमई एस.एस. कलसी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
भारत एक विविधताओं से भरा देश है क्योंकि यहाँ दुनियां की अनेक सभ्यताओं संस्कृतियों, वनस्पतियों एवं जीव-जन्तुओं को पलने और पनपने का अवसर मिला। यह देश अपनी पौरांणिक मान्यताओं, मंदिरों, त्योहारों, एैतिहासिक भवनों, किलोें, स्मारकों, नृत्यकलाओं, युद्ध-विधाओं, स्थानीय कलाओं, त्यौहारों, मेलों वनस्पतियों एवं जीव-जन्तुओं आदि के लिए जाना जाता है।
भारत की इन गौरवशाली धरोहरों से देश दुनिया के जन मानस को परिचित कराने एवं इनके संरक्षण के उद्देश्य से यूनेस्को के सहयोग से हर साल 18 अप्रैल के दिन को ‘‘विश्व विरासत दिवस‘‘ के रूप में मनाया जाता है ताकि लोगों को अपने पूर्वजों द्वारा छोड़ी गयी अनमोल धरोहरों के संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा सके।
इस अवसर पर महाप्रबंधक महोदय,श्री मिश्रा ने वर्ल्ड हेरीटेज डे-2023 की थीम ‘‘हेरीटेज एण्ड चेन्जेज‘‘ पर प्रजेण्टेशन दिया, जिसमें उन्होने 1878 में बने डूरेण्ड इंस्टीटूट आसनसोल, चितरंजन इंस्टीटूट अंडाल, टैगौर इंस्टीटूट सीतारामपुर,लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीटूट, हुबली रेल म्यूजियम, जंगीपुर, साहिवगंज आदि रेलवे से जुड़े ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्व के स्थलों, कीमती घड़ियों, ट्रॉफियों के संरक्षण के लिए आसनसोल, मालदा, एवं कर्नाटका में किए गये कार्यों पर प्रकाश डाला।
आगे इसी क्रम में उन्होने बताया कि, ‘‘रेलवे हेरीटेज के मामले में बहुत रिच है जरूरत इसके संरक्षण की है‘‘ श्री मिश्रा ने रेलवे हेरीटेज पर कई पुस्तकों का लेखन कार्य किया है।
आगे इसी क्रम में सेन्ट्रल पार्क के पास बने रेलकोच हेरीटेज साइट पर ‘‘हेरीटेज एण्ड चेन्जेज‘‘ विषय पर आरेडिका के सांस्कृतिक संगठन द्वारा एक नुक्कड नाटक एवं केन्द्रीय विद्यालय के छात्रों द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता के माध्यम से लोगों को अमूल्य विरासतों के महत्व के प्रति जागरूक किया गया। इस अवसर पर आरेडिका के उच्च अधिकारीगण एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
- संदीप कुमार फिजा