संदीप रिछारिया (वरिष्ठ संपादक)
श्री राम की जन्मनगरी में एक बार राम राज्य दिखाई दे रहा है। संत तुलसी दास जी ने उत्तर रामायण में जिस रामराज्य का दर्शन प्रस्तुत किया है,उसकी पूरी छवि अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा द्वारा लाकडाउन के दौरान बाजारों में होने वाले समानों के विपणन में दिख रही है। इसको समग्र रूप में देखे तो उन्होंने समाज के सभी वर्गों के साथ ही समस्त व्यापारियों को एक साथ व्यापार करने की छूट दी है। यह बात दीगर है कि उन्होंने व्यापार करने के तरीके में थोड़ा बदलाव कर उसे समय की सीमा में बांध दिया है। जिससे हर व्यक्ति को सभी समान और सभी व्यापारियों को समान व्यापार करने का अवसर मिल सके।
उनका यह आइडिया सारे देश के लिए अनुकरणीय हो सकता है।अगर सरकार शुरू से ही जिलाधिकारियों को रोस्टर के हिसाब से व्यापार कराने की अनुमति देती तो न तो इतनी बड़ी मन्दी झेलनी पड़ती और न ही बेरोजगारी के साथ काहिली बढ़ती। वैसे किराना व सब्जी का व्यापार करने वालो ने केवल उन वस्तुओ के भाव नही बढ़ाये जो जिंस प्रशासन ने अपनी लिस्ट में दिए थे। यही हाल पान मसाला का भी हुआ,20 रुपये की राजश्री पान मसाले को 80 में बेंच कर व्यापारी कौन सा राजस्व सरकार को दे रहे है। यही हाल सुपाड़ी सहित अन्य जिंसों का है। आटा, तेल,आदि तो ज्यादा नही बढ़ा लेकिन धनिया,मिर्चा,हल्दी आदि के हाल बेहाल है। सरकार को चाहिए कि व्यापारियों की जमाखोरी और मुनाफाखोरी में रोक लगानी चाहिए।