पूरे देश में कोरोना वॉरियर्स लोगों को बचाने में लगे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ गाजियाबाद में पुलिसकर्मी और अस्पतालकर्मियों में अलग ही जंग छिड़ी हुई है। आलम कुछ ऐसा हो गया है कि अस्पताल कर्मियों ने इस समय बाहर पुलिस की नो एंट्री तक का बोर्ड लगा दिया और ये ऐलान कर दिया कि कोई भी यूपी पुलिस का जवान यहां ना आए।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद के एक अस्पताल में डॉ बीपी त्यागी का आरोप है कि उनके ओटी के कपड़ों को धोकर लाने वाले फरमान एक साथी के साथ बाइक से आ रहे थे। इमर्जेंसी कार्य होने के कारण 2 लोग थे। इस दौरान सेक्टर-9 चौकी प्रभारी इलम सिंह ने बाइक को रोका और अभद्रता करना शुरू कर दी। उन्होंने जब दरोगा से फोन पर बात करने की कोशिश की तो उसका लहजा अभद्रता वाला था। जिससे परेशान होकर अस्पतालकर्मियों ने पुलिसकर्मियों का इलाज ना करने का फैसला किया है।
लगाया ये बोर्ड
इसी के चलते अस्पताल के बाहर बोर्ड लगाया गया है कि सभी यूपी पुलिसवालों को सूचित किया जाता है कि कृपया हमारे अस्पताल में ना आएं। हमारे स्टाफ को राजनगर सेक्टर- 9 की चौकी के पुलिसकर्मियों द्वारा प्रताड़ित किया गया है। इसके विपरीत हर्ष इएनटी हॉस्पिटल द्वारा सेना के जवानों से परामर्श शुल्क नहीं लेने का नोटिस भी लगाया गया है। जिसमें लिखा है कि हमारे यहां फौजियों को परामर्श शुल्क देने की जरूरत नहीं है। आप हमारी फीस बॉर्डर पर दे चुके हैं। कृपया अपना आईडी कार्ड साथ लाएं।