महराजगंज रायबरेली
बछरावां मार्ग स्थित महिला अस्पताल की हालत दिन ब दिन बदतर होती जा रही है यही नही दो दो महिला चिकित्सकों की तैनाती के बावजूद एक भी महिला चिकित्सक अस्पताल में मौजूद नही मिलती है जिसके चलते महिला मरीजों को बैरंग ही वापस लौटना पड़ रहा है। क्षेत्र के लोगो का कहना है कि दो दो चिकित्सकों की तैनाती तो है परन्तु सेटिंग गेटिंग के खेल में माहिर महिला चिकित्सक घर बैठे ही तनख्वाह ले रही हैं। यही नही शिकायत होने के बावजूद भी अधीक्षक कार्यवाही करना तो दूर सन्तोषजनक जवाब तक देना मुनासिब नही समझते हैं।
लगातार आ रही शिकायत पर जब मीडिया द्वारा मंगलवार को पड़ताल की गयी तो लगभग दोपहर 1 बजे पाया गया कि अस्पताल का मुख्य द्वारा तो खुला रहा परन्तु पूरे अस्पताल में सन्नाटा पसरा रहा। महिला चिकित्सक कक्ष का दरवाजा बन्द मिला तो वहीं पंजीकरण कक्ष में ताला लटकता दिखा। आस पास जानकारी की गयी तो पता चला कि कोई भी चिकित्सक अस्पताल में मौजूद नही है जिसके कारण आयी हुई महिला मरीज वापस जा चुकी हैं। गौरतलब है कि महिला चिकित्सालय में डा0 कुशा मलिक व डलमऊ में तैनात व महराजगंज में अटैच डा0 रंजना सिसोदिया दोनो की जिम्मेदारी है वहीं फर्मासिस्ट अमर सिंह भी मौजूद नही मिले। मामले में जब अधीक्षक डा0 राधाकृष्णा से मुलाकात करना चाहा गया तो पता चला अधीक्षक मेडिकल पर है और प्रभारी अधीक्षक डा0 भावेश यादव से दूरभाष पर सम्पर्क करने पर उन्होने बताया फर्मासिस्ट अमर सिंह की ड्यूटी 9 मार्च से 16 मार्च तक टीवी सर्विलान्स पर लगायी गयी है दो दो चिकित्सकों की तैनाती के बाद भी यदि अस्पताल में कोई नही है तो जांच करायी जायेगी। वहीं मामले में उपजिलाधिकारी सालिक राम ने कहा कि घोर लापरवाही है विभागीय जांच करा विधिक कार्यवाही की जायेगी।
पहली बार नही यह हमेशा का ही रोना रहा
महिला अस्पताल में तैनात महिला चिकित्सकों का यह आज का नया कारनामा नही है हमेशा ही यह दोनो आये दिन गायब रहती है सप्ताह में एक बार आकर पूरी उपस्थिति चढ़ा कागजी कोरम पूर्ण करती हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि यह कोई नयी बात नही है यह सब सेटिंग गेटिंग का खेल है। अधीक्षक सुविधा शुल्क के बदले यह सुविधा सुलभ कराते हैं शिकायत होने पर जांच की घुट्टी पिला मामला शान्त कर देते हैं।
अनुज मौर्य रिपोर्ट