यूपी वालों को महंगी बिजली का झटका लग सकता है UPPCL ने 20 प्रतिशत बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा विद्युत् नियामक आयोग की मंजूरी मिली तो महंगी हो सकती है बिजली
बिजली उपभोक्ताओं पर 1 लाख, 15,825 करोड़ रुपये बकाया बताया जा रहा है, जबकि घाटा लगभग 1 लाख 10 हजार करोड़ का.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के करीब 3.5 करोड़ उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई बिजली दरों का झटका लग सकता है. उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने विद्युत् नियामक आयोग को बिजली दरों में 20 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव भेजा है. यूपीपीसीएल ने वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) का हवाला देते हुए बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भेजा है. अगर विद्युत् नियामक आयोग से इसकी मंजूरी मिलती है तो उपभोक्ताओं की और अधिक जेब ढीली करनी पड़ सकती है.
UPPCL ने 2025-26 का वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) दाखिल किया है जिसमें, आयोग ने 12800 करोड़ का घाटा दिखाया है. विधुत नियामक आयोग अब बिजली दरों की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर सुनवाई करेगा. नियामक आयोग अगर UPPCL के प्रस्ताव को मंजूरी देता है तो 20 प्रतिशत तक बिजली महंगी हो सकती है. उधर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि कंपनियों ने वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) मसौदा में 33,122 करोड़ रुपये उपभोक्ताओं से बकाया वसूली के बारे में कोई जिक्र नहीं किया है. उन्होंने कहा कि नियामक आयोग में सुनवाई के दौरान राज्य विद्युत् उपभोक्ता परिषद इसका पुरजोर विरोध करेगा.
पिछले सात साल से नहीं बढ़ी हैं दरें
बता दें कि योगी सरकार बनने के बाद से ही प्रदेश में बिजली को दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है. हालांकि, यूपी पॉवर कॉर्पोरेशन की तरफ से कई बार बिजली दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव विद्युत् नियामक आयोग को भेजा जा चुका है. हर बार आयोग से प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया गया. गौरतलब है कि यूपी में शहरी उपभोक्ताओं से 0-150 यूनिट तक बिजली के लिए 5.50 रुपए प्रति यूनिट, 151 से 300 तक 6 रुपए प्रति यूनिट और 300 से ऊपर 6.50 रुपए पार्टी यूनिट वसूला जाता है.
डिस्काम उपभोक्ताओं पर बकाया
- दक्षिणांचल 24947 करोड़ रुपए
- पूर्वांचल 40962 करोड़ रुपए
- मध्यांचल 30031 करोड़ रुपए
- पश्चिमांचल 16017 करोड़ रुपए
- केस्को 3866 करोड़ रुपए
- कुल डिस्कॉम 11,5825 करोड़ रुपए