इस स्कूल ने तो छात्रा को ऑनलाइन शिक्षा के ग्रुप से ही रिमूव कर दिया

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रायबरेली – कोरोना काल मे पूरे जिले में जमकर भ्रष्टाचार , अपराध दबंगई तो चरम पर है ही, अब स्कूल भी मनमानी करने पर उतारू हो गए हैं, फीस जमा होने में विलंब होने पर छात्रों को आनलाइन शिक्षा के ग्रुप से रिमूव किया जा रहा है, देश मे जहां गिरती जीडीपी से बड़े बड़े संस्थान सम्भल नही पा रहे हैं, वहीं एक आदमी अगर स्कूल की फीस जमा करने में थोड़ा सा विलम्ब करे तो उसके बच्चों को रायबरेली के स्कूल ऑनलाइन शिक्षा नही देंगे, आइए बताते हैं पूरा प्रकरण!

एन एस बी वी एम स्कूल की मनमानी उजागर

रायबरेली जिले में स्कूलों की मनमानी का आलम यह है कि कोरोना काल में भी अभिभावकों को फीस जमा करने में थोड़ी सी भी मोहलत नहीं मिल रही है, पूरा मामला जिले के सुपर मार्केट स्थित न्यू स्टैंडर्ड बालिका विद्या मंदिर का है जहां पर पढ़ने वाली एक छात्रा के अभिभावक विकास त्रिपाठी ने बताया कि उनके घर की छात्रा को ऑनलाइन शिक्षा के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप इसलिए रिमूव कर दिया गया क्योंकि उन्होंने फीस जमा करने में थोड़ी सी देरी कर दी थी, इस स्कूल ग्रुप का विवादों से पुराना नाता रहा है, अक्सर किसी न किसी विवाद के कारण इस स्कूल की शाखाओं का नाम चर्चा में रहता है।

शासन के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन

कोरोना काल में उत्तर प्रदेश सरकार ने 4 जुलाई 2020 को ही शासनादेश जारी कर प्रदेश में संचालित समस्त शिक्षा बोर्ड के स्कूलों को निर्देश दिया था कि यदि किसी अभिभावक द्वारा शुल्क नहीं जमा किया जाता है, तो उस छात्र को ऑनलाइन पठन-पाठन से वंचित ना किया जाए और ना ही इस आधार पर किसी छात्र का नाम विद्यालय से काटा जाए। तत्कालीन अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की तरफ से जारी शासनादेश की रायबरेली में विद्यालयों के प्रबंधक खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कौन सी कार्रवाई करने के लिए निर्देशित करता है या फिर हमेशा की तरह यह मामला भी चर्चाओं तक ही सिमट कर रह जाएगा।

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