वेलडन अब्बा !
रोहतक से पूरे परिवार को रिक्शे पर ले आया महोबा
राकेश कुमार अग्रवाल की विशेष रिपोर्ट
कुलपहाड (महोबा) ईद पर कोई अब्बा अपने बच्चों व पत्नि , दामाद को इससे बडी ईदी और तोहफा नहीं दे सकता जो लाडपुर के हनीफ ने दिया है। ईद की नमाज घर पर अदा करने का वादा निभाने के लिए हनीफ पूरे परिवार को साईकिल रिक्शा पर बिठाकर हरियाणा के रोहतक से लाडपुर आ गया।
महोबा जिले के कुलपहाड थाने के ग्राम लाड़पुर का हनीफ अपनी पत्नी गुलशन, बिटिया नशीबन व दामाद रहमान एवं बच्चों के साथ रोहतक में रहकर मेहनत मजदूरी करता था।
दो महीने से लाॅकडाउन के कारण कामकाज ठप था। दूसरी ओर ईद का त्योहार आ गया था। सभी लोग घर चलकर वहीं ईद की नमाज पढने की जिद कर रहे थे। ऐसे में हनीफ ने साईकिल रिक्शे से घर चलने का फैसला लिया। हनीफ अपने परिवार के साथ रोहतक से ग्वालियर तक रिक्शा साइकिल से आया। ग्वालियर से सभी को बस द्वारा छतरपुर तक भेज दिया गया। इसके बाद छतरपुर से कुलपहाड़ तक अपनी बीवी, दामाद व बेटी बिन्नू 11 वर्ष बेटा मुस्तफा 8 वर्ष अरमान 6 वर्ष रिक्शा से चलकर कुलपहाड़ आ गए। यहां पर जनतंत्र इंटर कॉलेज में बने आश्रय स्थल पर पूरे परिवार का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया पहुंचा। उप जिलाधिकारी मोहम्मद अवेश व तहसीलदार सुबोध मणि शर्मा ने सभी को खाना खिलवाने के बाद राशन किट दे करके उन्हें उनके गांव लाडपुर भिजवा दिया।
हनीफ ने बताया कि वह करीब १० वर्ष से रहकर मजदूरी – मिस्त्री गिरी कर अपना जीवन यापन कर रहे थे। दामाद रहमान व बेटी अभी ३ वर्ष से मजदूरी कर रहे थे। लाॅकडाउन में वह परिवार सहित रिक्शे से घर चल पडा. हनीफ जैसे लोग परिवार के लिए ही नहीं समाज के लिए किसी उदाहरण से कम नहीं हैं।