दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यकाम भवन में आयोजित पुस्तक लोकार्पण समारोह में पद्मश्री रामबहादुर राय, दिल्ली विवि के कुलपति प्रो. योगेश सिंह तथा जेएनयू के प्रो. ओम प्रकाश सिंह की गरिममयी उपस्थिति में प्रो. कैलाश नारायण तिवारी द्वारा लिखित उपन्यास- उत्तर कबीर: नंगा फकीर का लोकार्पण किया गया।
इस पुस्तक लोकार्पण समारोह में पद्मश्री रामबहादुर राय (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र) ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत करते हुए कहा कि प्रो. तिवारी ने अपनी कल्पना शक्ति के माध्यम से इस उपन्यास में देवलोक के संवाद के माध्यम से इस समय की काशी में व्याप्त सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक वास्तविक पृष्ठभूमि को उजागर करने का कार्य किया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने समारोह की अध्यक्षता की।
अपने अध्यक्षीय भाषण में कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि यह उपन्यास गांधी और कबीर के संवाद के माध्यम से जिन महत्त्वपूर्ण बिंदुओं को हमारे सामने परिलक्षित करता है, उसके साथ-साथ एक नए भारत की कल्पना भी करते हुए भारत बनाम इंडिया के मुद्दे हमारे समक्ष प्रस्तुत करता है।
उन्होंने आशा जताई कि प्रो. कैलाश अपनी लेखनी के माध्यम से आज के आशावादी एवं सक्षम भारत को लेकर भी एक नए उपन्यास को जल्द ही सबके समक्ष रखेंगे।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो. ओम प्रकाश सिंह कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रहे। अपने व्यक्तव्य में उन्होंने कहा कि प्रो. कैलाश नारायण तिवारी द्वार रचित उपन्यास ” उत्तर कबीर: नंगा फकीर ” गांधी और कबीर के बीच समय अंतराल को एक साथ समाप्त करता है। उपन्यास इस समाज में व्याप्त कई सामाजिक मुद्दों को उठाता है।
इस पुस्तक लोकार्पण समारोह का संचालन प्रशांत रमन रवि ने किया। धन्यवाद ज्ञापन के दायित्त्व का निर्वहन प्रो. रंजन त्रिपाठी ने किया। इस समारोह में शिक्षाविद्, साहित्य प्रेमी, शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल