राकेश कुमार अग्रवाल
झांसी। संरक्षित ट्रेन परिचालन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुये, उत्तर मध्य रेलवे ने 10 प्रमुख पुलों पर जल स्तर की निगरानी प्रणाली की स्थापना की है। जिसमें प्रयागराज मण्डल के यमुना, टोंस और सोन नदी पर पुल, आगरा मंडल में यमुना पुल और झांसी मण्डल के चंबल, यमुना कालपी, बागिन, यमुना साउथ बैंक और बेतवा नदी के 02 पुल शामिल हैं। डिजाइन, जल प्रवाह और अन्य तकनीकी मापदंडों के आधार पर सभी रेलवे पुलों के लिए नियमित स्तर, उच्च बाढ़ स्तर और पानी के खतरे के स्तर की पहचान की जाती है, और खतरे के स्तर तक पानी के पहुंचने की स्थिति में बचाव कार्रवाई शुरू की जाती है, जिसमें रेलगाड़ियों के रेग्यूलेशन और रोकना भी शामिल है, जबतक निर्धारित जलस्तर की सीमा से पानी नीचे नहीं आ जाता है। इस उन्नत और स्वचालित जल स्तर निगरानी प्रणाली में, जल स्तर मापने का उपकरण (WLMI) लगातार अल्ट्रासोनिक तरंगों को भेजता है जो नदी में बहने वाले पानी के ऊपर से जाकर वापस आता है। अल्ट्रासोनिक तरंगों को उपकरण तक वापस आने में लगने वाले समय से जल स्तर की सटीक माप होती है और उपकरण इसकी तुलना पूर्व निर्धारित संदर्भित पानी के खतरे के स्तर के साथ करता है। इंटेलिजेंट फील्ड डिवाइस (IFD) के साथ जल स्तर मापने वाला उपकरण (WLMI) जो WLMI के साथ संचार करता है और प्रत्येक पुल के जलस्तर का डेटा एक केंद्रीय सर्वर तक पहुंचाता है। यह प्रणाली प्रत्येक 05 मिनट में जल स्तर को रिकॉर्ड करती है, तथा अधिकृत कर्मियों को टेबुलर एवं ही ग्राफिकल प्रारूप में डेटा उपलब्ध कराती है जो प्रभावी रूप से पूर्वानुमान के उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाता है, इस प्रकार इन प्रमुख रेलवे पुलों में जल स्तर की वृद्धि के अनुमान के आधार पर निवारक उपायों की बेहतर तरीके से योजना बनाई जा सकती है। यूनीक आईडी और पासवर्ड के माध्यम से संरक्षित इंटरनेट-आधारित उपयोगकर्ता इंटरफेज़, अधिकृत कर्मियों को इसे कहीं से भी उपयोग करने और किसी विशेष समय पर वास्तविक जल स्तर को देखने की सुविधा प्रदान करता है। नामित उपयोगकर्ता नियमित रूप से जल स्तर, खतरे के स्तर और निर्णय लेने और कार्रवाई के लिए प्रत्येक पुल के लिए उच्च बाढ़ स्तर जैसे विभिन्न स्तरों के पहुँचने पर एसएमएस अलर्ट प्राप्त करते हैं। उत्तर मध्य रेलवे में 10 पुलों पर स्थापित इन प्रणालियों के अतिरिक्त , झांसी मण्डल में 05 अतिरिक्त प्रमुख पुलों के लिए भी जल स्तर की निगरानी प्रणाली का प्रावधान है ।
उत्तर मध्य रेलवे ने मानसून के दौरान संरक्षित और डिटेंशन मुक्त ट्रेन संचालन की दिशा में कई कदम उठाए हैं, जिसमें भारी बारिश की स्थिति में ट्रैक के नुकसान से निपटने के लिए विभिन्न स्थानों पर मानसून रिजर्व सामग्री रखना, चिन्हित स्थानों पर चौकीदार की तैनाती, महत्वपूर्ण लोकेशनों एवं खण्डों में मानसून पेट्रोलिंग, हर क्षेत्र में वर्षा की दैनिक रूप से निगरानी, एलएचएस से पानी की पंपिंग व्यवस्था, यार्डों में नालियों की सघन सफाई, गहन ऑडिट और रनिंग ट्रैक के पास के सभी कार्योंस्थलों पर चौकीदार की तैनाती करना आदि शामिल है ।
लंबी अवधि के दृष्टिगत उत्तर मध्य रेलवे एलएचएस पर कवर शेड, डीएफसी और रेलवे पटरियों के बीच नालियों, एलएचएस पर वर्षा जल संचयन प्रणाली, एलएचएस खंडों में सीपेज मुक्त जोड़ों का उपयोग आदि के प्रावधान पर काम कर रहा है।