एक ऐसा परिवार जिसने देश को दिलाए 13 अंतर्राष्ट्रीय मेडल

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मेजर ध्यानचंद

हाॅकी ही इकलौता ऐसा खेल है जिसमें देश – विदेश में भारत ने डंका बजाया है। क्रिकेट में कुछ वर्षों से भारत का प्रदर्शन सराहनीय रहा है लेकिन इस खेल को महज एक दर्जन देश खेलते हैं। हाॅकी की गौरवगाथा ध्यानचंद और उनके परिवार के योगदान को अनदेखा कर नहीं लिखी जा सकती है।

ध्यानचंद का परिवार देश का इकलौता ऐसा परिवार है जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को १३ मेडल दिलाने में महती भूमिका निभाई है। 6 मेडल ओलंपिक खेलों में , 3 मेडल वर्ल्ड कप हाॅकी में व 4 मेडल एशियाई खेलों में इस परिवार के सदस्यों ने दिलाए हैं।

ध्यानचंद व उनके भाई रूप सिंह के अलावा ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार एवं ध्यानचंद की नातिन नेहा सिंह ने भी हाकी में देश को मेडल दिलवाया है।
ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार के अनुसार ” नेशनल टूर्नामेंट में ध्यानचंद परिवार ने अपनी टीमों को कितने मेडल दिलाए , कभी गिने ही नहीं और तो और शर्म के मारे चांदी ( सिल्वर मेडल ) या कांसे ( ब्रांज ) के जीते मेडल कभी बाबूजी ( मेजर ध्यानचंद ) को दिखाए ही नहीं . जिनको सोना दिखाना चाहिए उनको चांदी या कांसे के मेडल दिखाने की कभी हिम्मत ही नहीं पडी।”

एक ऐसा परिवार जिसने देश के मस्तक को ऊँचा रखने में कोई कोर कसर नहीं छोडी उसे नहीं तो भारत रत्न किसको बनता है जो लाॅबीइंग करते हैं ?

# भारत रत्न फाॅर मेजर ध्यानचंद

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