खीरों, रायबरेली। विकास क्षेत्र के खरगापुर गांव में उस समय हड़कम्प मच गया जब गांव में कोरोना से पीड़ित युवक के होने की जानकारी लोगो को हुई,मामला स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को दी गई हरकत में आये अधिकारी ने गांव में टीम भेज कर युवक की जांच कराई जिसमे उसे कोरोना के कोई लक्षण नही मिले।जानकारी के अनुसार क्षेत्र के खरगापुर गांव निवासी सन्दीप पुत्र रामसरन विदेश में रहता था और होली पर वह घर आया था। रविवार को किसी ने युवक में कोरोना के संक्रमण होने की जानकारी सीएमओ को दे दी, आपदा घोषित बीमारी की जानकारी जैसे ही सीएमओ को हुई उन्होंने सीएच अधीक्षक से युवक की जांच करने के निर्देश दिये लेकिन आधी अधूरी तैयारी से आपदा से निपट रहे अधीक्षक ने गांव टीम भेज दी लेकिन बिना चिकित्सक के पहुंची टीम में दो फार्मासिस्ट तथा बीपीएम ही रहे।सवाल यह है कि देश मे जहा इस बीमारी से निपटने के लिए तरह तरह उपाय किये जा रहे सरकार द्वारा रुपया खर्च कर लोगो को जागरूक किया जा रहा है वही बिना चिकित्सक के पहुंची टीम ने कैसे जांच की होगी वही चिकित्सक लोगो को जहा मास्क लगाने और सैनिटाइजर का उपयोग करने के लिए कह रहे वही युवक की जो टीम जांच करने पहुंची थी उसमें कोई भी मास्क तक नही लगाये हुआ था जब जागरूक करने वाले लोग ही ऐसा करेंगे तो आम लोग क्या करेंगे।
अनुज मौर्य/शिवराम वर्मा रिपोर्ट