और जब डलमऊ पुलिस माता-पिता के लिए बनी मसीहा

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4 घंटे बाद पुलिस ने ढूंढ निकाला नाबालिक बच्चे के माता पिता

डलमऊ रायबरेली – डलमऊ पुलिस की कार्यशैली की जितनी ही प्रशंसा की जाए उतनी ही कम है। जिस बच्ची को अपने माता-पिता और घर का पता मालूम ना हो और बच्ची रोते बिलखते सड़क पर मिल जाए तो उसके उसके माता-पिता को ढूंढ पाना इतनी आसान बात नहीं है जितनी कि हम आप समझते हैं। बुधवार को डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के पूरे गौतम और पूरे नाथू के पास सड़क पर रोती बिलखती राहगीरों को एक लगभग 2 से 3 वर्ष की नाबालिक बच्ची मिली थी। ग्रामीणों ने उसके माता-पिता की खूब खोजबीन की लेकिन परिजनों का पता नहीं चल सका उसके पश्चात पूरे गौतम निवासी राम लाल की पत्नी राम पति ने गोद ले लिया। इतना ही नहीं उस बच्ची को लेने के लिए अफताब नगर निवासी केश कुमार की पत्नी अर्चना भी प्रयास कर रही थी यहां तक की जब भनक पुलिस को लगी तो पुलिस ने बच्ची को डलमऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सुभाष चिल्ड्रन सोसायटी रायबरेली भेजने की कार्यवाही करने लगी। पुलिस की कार्यशैली यहीं पर स्थगित नहीं हुई उसने ठान लिया कि इस नाबालिक बच्ची के माता-पिता कौन है। कोतवाली प्रभारी श्री राम के नेतृत्व में तत्काल एक टीम बनाई गई और क्षेत्र में नाबालिक बच्ची की फोटो लेकर भेज दिया गया। करीब 4 घंटों के बाद नाबालिक बच्ची के माता-पिता पुलिस के मिल ही गए। नाबालिक बच्ची प्रियंका जोहवा नटकी निवासी मुकेश की पुत्री। जब पुलिस बच्ची को लेकर उसके घर पहुंची तो परिजनों के होश उड़ गए नाबालिक बच्ची घर से बाहर कैसे पहुंची यह बात किसी को नहीं मालूम लेकिन बच्चे को पकड़ कर फफक फफक कर रो रहे थे। नाबालिक बच्ची को उसके माता-पिता से मिलाने में महिला कांस्टेबल रश्मि सिंह चंदेल औरमहिला कांस्टेबल शीतल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। डलमऊ कोतवाली प्रभारी श्री राम के इस सराहनीय कार्य को लेकर ग्रामीणों ने जमकर प्रशंसा की है।

विमल मौर्य रिपोर्ट

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