करंट लगने से सफ़ाई कर्मी की मौत

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करंट लगने से सफ़ाई कर्मी की मौत के मामले में NHRC ने प्रमुख सचिव चिकित्सा, बिजली विभाग के प्रबंधक और पुलिस आयुक्त को नोटिस भेजा

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सारनाथ थाना क्षेत्र में एक सफ़ाई कर्मी की करंट लगने से मौत होने के मामले में प्रमुख सचिव चिकित्सा, बिजली विभाग के प्रबंधक और पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया है। आयोग ने कहा कि सारनाथ थाना क्षेत्र में स्टील की रेलिंग में करंट उतरना और सीएचसी में डाक्टरो के मौजूद नहीं होना प्रथम दृष्टया लापरवाही है जिससे सफ़ाई कर्मी की जान का नुकसान हुआ है।

वाराणसी, सारनाथ  राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सारनाथ इलाके में सफ़ाई कर्मी की करंट लगने से हुई मौत के मामले में शिवपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अनिल कुमार मौर्य के शिकायत का संज्ञान लिया है।

एनएचआरसी ने मामले में प्रमुख सचिव चिकित्सा, बिजली विभाग के प्रबंधक और पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।

श्री मौर्य ने कहा कि वो जिम्मेदार व्यक्तियों और अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, मृतक के स्वजन को मुआवजा और साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में भी जानना चाहेगा कि ऐसी हृदय विदारक घटनाएं दोबारा न हों।

शिकायतकर्ता ने कहा कि मामले से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट में लिखे तथ्य अगर सत्य है, तो यह बिजली विभाग के अधिकारियों और सीएचसी में मौजूद नहीं रहने वाले डॉक्टरों की स्पष्ट लापरवाही के कारण पीड़ित के मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक गंभीर मुद्दा उठाती है। इलाके में स्टील के रेलिंग में करंट उतरना और सीएचसी में डाक्टरो की गैर मौजूदगी के कारण तत्काल समुचित इलाज नहीं मिलना प्रथम दृष्टया लापरवाही की ओर इशारा करता है, जिससे सफ़ाई कर्मी की जान का नुकसान हुआ है।

लोहे के रेलिंग के घेरे के अंदर सफ़ाई करने के दौरान लगा करंट

उल्लेखनीय है कि सारनाथ क्षेत्र के जैन मंदिर के पास म्यूरल को स्टील रेलिंग से घेरा गया है बीते 17 अगस्त की रात में क़रीब डेढ़ बजे मृत सफ़ाई कर्मी सफ़ाई करते समय करंट लगने के बाद सीएचसी में तत्काल इलाज नहीं होने से उसकी मौत हो गई थी।

चोलापुर थाना क्षेत्र के दशनीपुर निवासी मृतक सुद्धु भारती 28 नगर निगम में आउटसोर्स सफ़ाई कर्मचारी था। उसके साथ सफ़ाई का कार्य करने वाले अन्य कर्मचारियों और लोगों ने उसको बचाने की कोशिश की, लेकिन वो सफल नहीं हो सके। लोगों ने 300 मीटर की दूरी पर स्थित शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीएचसी पर मृतक को घटना स्थल से ले गए थे, जहां डाक्टरों के मौजूद नहीं रहने पर उसे दीनदयाल अस्पताल में ले गए जहां उसे डाक्टरो ने मृत घोषित कर दिया था। चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट न देने पर उक्त अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को एनएचआरसी ने चेतावनी दी है। अब यह देखना है कि दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी और पीड़ित परिवार को क्या न्याय मिलेगा या यह भी मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

रिपोर्ट – राजकुमार गुप्ता

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