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सभासदों की शिकायत पर की गई जांच में मिली भारी अनियमितताएं
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उपजिलाधिकारी की जांच में 2 गोवंश मृत और 5 मरणासन्न पाए गए
डलमऊ, रायबरेली। नगर पंचायत डलमऊ के श्मशान घाट के पास स्थित कान्हा गौशाला मैं रखे गए गोवंश तैनात कर्मचारियों और चिकित्सकों की उदासीनता के चलते प्रतिदिन भूख और प्यास से तड़प तड़प कर गोवंश मर रहे हैं और मरणासन्न अवस्था में पड़े गोवंश हूं को कौवे नोच कर लहूलुहान कर देते हैं लेकिन इनके उपचार और देख कर देख के नाम पर खानापूर्ति की जाती है।
कान्हा गौशाला के गोवंश की इस प्रकार हो रही दुर्दशा के चलते नगर पंचायत डलमऊ के सभासद और उनके प्रतिनिधि द्वारा कान्हा गौशाला जाकर आक्रोश व्यक्त करते हुए उपजिलाधिकारी डलमऊ अभिषेक वर्मा को शिकायती पत्र देते हुए कार्रवाई की मांग की गई।
नगर पंचायत डलमऊ के सभासद ऋषभ मिश्रा और सभासद प्रतिनिधि जितेंद्र सोनकर रितिक जायसवाल शकील कुरैशी राहुल यादव ने उपजिलाधिकारी डलमऊ अभिषेक वर्मा को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि कान्हा गौशाला डलमऊ में तैनात कर्मचारियों के साथ अच्छा से अधिकारी और चिकित्सक की उदासीनता के चलते कान्हा गौशाला में प्रतिदिन भूख और प्यास से तड़प तड़प कर गोवंश अपनी जान गवा रहे हैं।
यही नहीं मरणासन स्थित पर पड़े गोवंश को कौवे नोच नोच कर खाते हैं जिस से लहूलुहान होकर गोवंश तड़प तड़प कर मर जाते हैं शिकायत करता द्वारा यह भी आरोप लगाते हुए बताया कि मृत गोवंश की चमड़ी बेचने के लिए उन्हें रात के अंधेरे में ठेकेदारों के हाथ बेच दिया जाता है। यही नहीं मृत गोवंश का टैग निकालकर बिना पोस्टमार्टम किए निस्तारण के नाम पर उन्हें मिट्टी में दफन कर दिया जाता है।
प्राप्त शिकायत के आधार पर उपजिलाधिकारी डलमऊ अभिषेक वर्मा द्वारा तत्काल कान्हा गौशाला डलमऊ का निरीक्षण किया और बताया कि विभिन्न प्रकार की अनियमितताओं के साथ मौके पर कान्हा गौशाला में रखे गए कुल 276 गोवंश मैं से 2 गोवंश मृत अवस्था में पाए गए तथा 5 गोवंश मरणासन्न स्थित में पाए गए।
वहीं भूसे की जगह धान के पैरा का भूसा गोदाम में रखा हुआ पाया गया, लेकिन जानवरों के चारा खाने की जगह पर भूसा नहीं मिला और पानी पीने वाले टैंक सूखे पड़े थे।
मौके पर मौजूद चिकित्सक से चिकित्सीय परीक्षण का अभिलेख और गौशाला प्रभारी से अन्य अभिलेख मांगने पर बताया गया कि सारे अभिलेख ऑडिट के लिए भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है।
मौजूद पोस्ट चिकित्सक विजय कुमार ने बताया कि 25 चिकित्सालय और दो गौशालाओं में तैनात होने के चलते समय-समय पर ही पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और उनका उपचार किया जाता है।
- विमल मौर्य