राकेश कुमार अग्रवाल
झांसी । गुणवत्ता के नियंत्रण और कार्य की निगरानी के लिए अधिकारियों को चेकलिस्ट बनाकर काम करना चाहिए। इस उद्देश्य के लिए, उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे में मुख्य इंजीनियर स्तर के अधिकारियों को नामित किया गया है, जो प्रत्येक कैटगरी के काम के लिए चेकलिस्ट तैयार करेंगे, जिसमें मौजूदा चेकलिस्ट में नवीनतम बदलाव, दिशानिर्देश आदि शामिल कर संशोधन किये जायेंगे। तैयार / संशोधित चेकलिस्ट में गुणवत्ता और माप सम्बंधी पैरामीटर भी होंगे जिससे कि कार्यों के निष्पादन के दौरान किसी मुख्य बिंदु के छूटने की सम्भावना को समाप्त करने में सहायता मिलेगी। चेकलिस्ट को तैयार करने की प्रक्रिया उत्तर मध्य और उत्तर रेलवे पर एक मिशन मोड में किया जा रहा है और महाप्रबंधक ने इन चेकलिस्ट को एक सप्ताह के भीतर अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है जिसे भविष्य के परिवर्तनों को शामिल करते हुये नियमित रूप से संशोधित किया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि रु 5 करोड़ से अधिक लागत वाले कार्यों के निविदा दस्तावेज में विधि विवरण या विस्तृत प्रक्रिया (Method statement) विशेष रूप से सम्मिलित की जाएगी। यह रेलवे कार्यों के निष्पादन और निष्पक्षता में दक्षता लाएगा।
महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने अनुबंध की उचित निगरानी पर भी बल दिया और कहा कि प्रत्येक कार्यकारी के पास उपलब्ध आईटी उपकरणों और प्रणालियों की मदद से निष्पादित किए जाने वाले प्रत्येक अनुबंध की निगरानी के लिए उचित प्रणाली होनी चाहिए। पहले से ही लागू भारतीय रेलवे परियोजना प्रबंधन प्रणाली (IRPSM) के तहत, बुनियादी ढांचे और अन्य कार्यों की योजना, प्रासेसिंग और अनुमोदन के कार्यों को ऑनलाइन पोर्टल पर लाया गया है। इसी प्रकार से सामग्री खरीद एवं परियोजना सम्बंधित कार्यों को ऑनलाइन पोर्टल भारतीय रेलवे इलेक्ट्रॉनिक खरीद प्रणाली (IREPS) द्वारा टेण्डर कॉल करने, उसपर विचार करने तथा आईआरपीएसएम के माध्यम से स्वीकृत कार्यों के निविदाओं को एवार्ड करने के साथ साथ इलेक्ट्रॉनिक रूप से सफल निविदाकर्ताओं को स्वीकृति पत्र (एलओए) जारी करने की सुविधा मिलती है। हाल ही में उत्तर मध्य रेलवे ने भारतीय रेलवे अनुबंध प्रबंधन प्रणाली (IRWCMS) को लागू किया है जो सफल बिडर के साथ करार करने और इसकी मंजूरी की सुविधा देता है, CRIS द्वारा विकसित इस वेब एप्लिकेशन का उपयोग करके कागज रहित और पारदर्शी तरीके से कार्य निष्पादित होता है। कार्य के वास्तविक और संतोषजनक निष्पादन के आधार पर; CRIS द्वारा विकसित एक सुरक्षित ऑनलाइन आवेदन एकीकृत पेरोल और लेखा प्रणाली (IPAS) का उपयोग करके ठेकेदारों को भुगतान किया जा रहा है। इन सभी आईटी अनुप्रयोगों को रेलवे के संचालन और रखरखाव के लिए सामग्री की खरीद के साथ-साथ परियोजना कार्यों के निष्पादन में गति, दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए उत्तर मध्य रेलवे पर पहले ही लागू किया जा चुका है। IRPSM, IREPS, IRWCMS और IPAS को एकीकृत करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्यों के प्रारम्भ से लेकर अंत तक की पूरी प्रक्रिया एवं सम्विदा सम्बंधी सभी औपचारिकताओं को निर्बाध रूप से आनलाइन तरीके से पूरा किया जा सके।
इस वेब-आधारित बैठक में संबंधित विभागों के प्रमुख विभागाध्यक्षों, मण्डलों के मण्डल रेल प्रबंधक और ओपन लाइन और निर्माण संगठनों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का संचालन वरि. उप महाप्रबंधक, उत्तर मध्य रेलवे एन के सिन्हा और वरि. उप महाप्रबंधक, उत्तर रेलवे सुश्री चंद्रलेखा मुखर्जी द्वारा क्रमशः उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे के लिए किया गया।