यूपी के हमीरपुर जिले के जिलाधिकारी को आज श्री काशी विद्वत परिषद के सदस्यों ने कलेक्ट्रेट परिषद में आयोजित एक कार्यक्रम में रुद्राक्ष की माला और काशी विश्वनाथ जी का स्मृति चिन्ह देकर संस्कृत भूषण सम्मान से सम्मानित किया।
यह सम्मान जिलाधिकारी को एक माह पहले अपने कोर्ट के आदेश को संस्कृत में देने के लिए दिया गया है। हमीरपुर जिला मजिस्ट्रेट डॉ चंद भूषण त्रिपाठी की कोर्ट में राठ कोतवाली क्षेत्र के गिरवर गांव निवासी अनुसूचित जाति के किसान संतोष कुमार ने एक वाद दाखिल किया था, जिंसमे वो अपने जमीन गांव के गैरजाति के लोगो को बेचना चाह रहा था।
किसान संतोष कुमार पर सरकारी कर्ज़ था और पैसों के अभाव में वो अपनी बीमारी का इलाज नही करवा पा रहा था,इसी के चलते वो अपनी जमीन बेच कर कर्ज़ से निजात और बीमारी का इलाज करवाना चाह रहा था,इसी के चलते उसने जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने परमिशन लेने का वाद दाखिल किया था।
जिला मजिस्ट्रेट ने पूरे मामले की जांच एडीएम राठ से करवाने के बाद उसे जमीन बेचने की परमिशन दे दी और जब इसका आदेश सुनाया तो वहां मौजूद लोग सन्न रह गए क्योकि वो पूरा आदेश संस्कृत भाषा था , हमीरपुर जिले पहुँचे श्री काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी ने जिलाधिकारी डॉ चंद्र भूषण को मा0 प्रधानमंत्री जी की मौजूदगी में होने वाले परिषद के वार्षिक कार्यक्रम में सम्मानित किए जाने हेतु आमंत्रित भी किया।
संस्कृत भाषा में डीएम कोर्ट के निर्णय से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरे राष्ट्र में संस्कृत के लिए नई चेतना का संचार हुआ। इस प्रकार के कार्य अन्य जनपदों के अधिकारियों द्वारा यदि किया जाए तो इससे संस्कृत भाषा को प्रोत्साहन मिलेगा,गौरतलब है कि श्री काशी विद्वत परिषद 400 वर्ष पुरानी संस्था है इसमें राष्ट्र के उच्च स्तरीय विद्वान शामिल रहते हैं।
- राकेश कुमार अग्रवाल